13 साल पहले बाजपुर क्षेत्र के गोबरा गांव में अवैध खनन और आधा दर्जन लोगों के खिलाफ हत्या की कोशिश के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। मामले में सत्र न्यायाधीश ने 13 आरोपितों को सात- सात साल की सजा सुनाई है।
साल पहले खेला गया था अवैध खनन के विरोध में खूनी खेल
13 साल पहले अवैध खनन के विरोध में खूनी खेल खेला गया था। मामला बाजपुर का है जहां 22 अक्टूबर 2009 को कुलविंदर सिंह अपने एक दर्जन साथियों के साथ बोलेरो, ट्रैक्टर ट्रालियों और डंपर के साथ बाजपुर के गोबरा गांव में आ गया था।
इस दौरान वो बंदूकों व तमंचों के बल पर स्यबंर सिंह पुत्र प्यारा सिंह और उसके रिश्तेदारों के खेतों से डंपरों में रेत भरने लगे। इस दौरान जब लोगों ने इसका विरोध किया तो कुलविंदर ने गाली देते हुए अपने साथियों से कहा कि गाड़ियों में से बन्दूक और तमंचे निकालने को कहा। जिसके बाद उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई।
एक दर्जन लोगों को जान से मारने की कोशिश
अपने हाथों में तमंचे पाटले व लाठी डण्डे उठा लिए और जान से मारने की नियत से इन्होंने तमन्चा पाठल व लाठी डन्डो से हमला किया। जिससे पूरन सिंह व सच्चा सिंह, दलीप कौर, आशा कौर, कृष्णा कौर, सरजीत कौर व कुलवीर सिंह व सन्तो कौर आदि के शरीर पर गोलियां लगी।
इस दौरान कई लोगों को गंभीर चोटे आईं। इस दौरान पूरे क्षेत्र में गोलियाें की तड़तडाहट चलती रही। जिसके बाद आस-पास के लोगों ने जब विरोध दर्ज किया तो बदमाश भाग गए। इस मामले में पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
शनिवार को मामले में हुई सुनवाई
शनिवार को इस मामले में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई करते हुए देवेंद्र सिंह उर्फ पिंटू बाबा, रंजीत सिंह उर्फ मंगा, शेर सिंह उर्फ शेरू उर्फ चानन सिंह, कृष्ण सिंह, गुरमीत सिंह, कुलवंत सिंह, कस्तूर सिंह उर्फ कस्तूरी सिंह, मंगा सिंह, सुखवंत सिंह उर्फ बिट्टू, कुलविंदर सिंह उर्फ किन्दा, पलविंदर सिंह, व जगपाल सिंह उर्फ पाल सिंह को आइपीसी धारा 307/149, धारा 506,धारा 148, 147 को दोषी माना गया। सात-सात वर्ष के कठोर कारावास व दस-दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
सभी आरोपियों को सात साल की सजा सुनाई
जबकि कृष्ण सिंह, मंगा सिंह, देवेंद्र सिंह उर्फ पिंटू बाबा, चानन सिंह और कस्तूरी सिंह उर्फ कस्तूर सिंह को तीन-तीन साल के कठोर कारावास और दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके साथ ही सभी आरोपियों को सात-सात सजा के साथ ही तीन लाख 57 हजार रुपये का अर्थदंड की भी सजा सुनाई है।