रुद्रपुर: तराई केंद्रीय वन प्रभाग के जंगल से बड़ी संख्या में तस्करों ने शीशम, खैर और सागौन के पेड़ काटकर ठिकाने लगा दिए। मामला उजागर होने से वनकर्मियों में खलबली मची हुई है। मामले को दबाने की भरसक कोशिश की जा रही है। वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त के निर्देश पर एसडीओ अवैध लकड़ी कटान की जांच कर रहे हैं। अवैध कटान के मामले में वनकर्मियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
टांडा रेंज के जंगल में स्थित बेशकीमती पेड़ों पर तस्करों की नजरें टिकी रहती हैं। वे मौका पाकर पेड़ों पर आरी चला देते है। करीब एक हफ्ते पहले तस्करों ने रेंज की भटभोज बीट से कई पेड़ काट दिए और गिल्टे बनाकर जंगल से ले गए। यह पूरा मामला दबा रहा लेकिन किसी ने वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त से शिकायत कर दी। इसके बाद से रेंजकर्मियों में अफरातफरी मची हुई है। सूत्रों के अनुसार तस्करों ने 13 से अधिक पेड़ काटे हैं और इनमें कई के ठूंठ भी वनकर्मियों को मिल चुके हैं।
पूरे मामले में एक गूजर की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। बड़ा सवाल है कि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ कटने की भनक रोजाना जंगल में गश्त का दावा करने वाले वनकर्मियों को कैसे नहीं लगी। डीएफओ यूसी तिवारी ने बताया कि टांडा रेंज से पेड़ कटाने की शिकायत पर वन संरक्षक ने एसडीओ को जांच दी है। एसडीओ की जांच रिपोर्ट के बाद ही इस संबंध में कुछ बताया जा सकेगा। फिलहाल एसडीओ जांच कर रहे हैं।