प्रदेश के इस जिले में अवैध खनन पर कार्रवाई करने से हो जाता है ट्रांसफर, खनन माफिया का झण्डा बुलंद

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नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा अवैध खनन पर पूरी तरह से लगाई पाबंदी के बाद भी खनन माफिया के जेसीबी से धड़ल्ले से किच्छा पुरानी मंडी स्थित रपटा पुल के नजदीक गौला में खनन कार्य किया जा रहा था बता दें की बीते दिनों किच्छा राजस्व विभाग की टीम ने अवैध खनन के खिलाफ छापेमार की कार्यवाही की थी। आपको बता दें की मौके से राजस्व विभाग ने जेसीबी पकड़कर तहसील मुख्यालय किच्छा में सीज कर दिया। आपको बता दें की किच्छा में अवैध खनन के खिलाफ अचानक हुई छापामार कार्यवाही से खनन व्यवसायी के सत्ता में बैठे कुछ शुभचिंतकों को इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने किच्छा राजस्व टीम में शामिल क्षेत्रीय पटवारी का स्थानांतरण किच्छा तहसील से जसपुर तहसील में करा दिया गया। अब सवाल उठता है की आखिर कौन है सत्ता में बैठे खनन माफिया के शुभचिंतक?? जिनके एक इशारे पर कार्यवाई करने वाले अधिकारियों का ट्रांसफर करवा दिया क्या इन सत्ता में शुभचिंतक के आगे हाईकोर्ट का आदेश भी फेल है?? क्या हाईकोर्ट के आदेश कोई मोल नहीं??

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वहीं आपको बता दें की किच्छा में इन अधिकारियों के ट्रांसफर के बाद में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि आखिर वह कौन से प्रशासन के अधिकारी और नेता हैं जिनके इशारे पर खनन पर कार्रवाई करने वाले इस पटवारी का ट्रांसफर किया गया है। वहीं अब पटवारी के खिलाफ स्थानांतरण की कार्यवाही से खनन व्यवसायियों के हौंसले बुलंद हो गए हैं। और वहीं क्षेत्र में राजस्व विभाग के कर्मचारियों में अफरा तफरी का माहौल है, बता दें की अब सभी कर्मचारी इस मामले से अपना पल्ला छुड़ाते नजर आ रहे हैं। बता दें की उत्तराखण्ड राज्य का ऊधम सिंह नगर जिला एक बार फिर अवैध खनन व्यवसायियों और उनके मालिकों की मजबूत पकड़ और शासन सत्ता के रसूखदारों के लिए अवैध खनन के लिए पूरे प्रदेश में अपना झण्डा बुलन्द किए हुए है और सरकार के द्वारा किए गए अवैध खनन के लिए बड़े बड़े दावों और वादों की पोल खोल रहा है।

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