उत्तरकाशी और टिहरी जनपद में रविवार देर रात फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई है। दस दिन पहले भी उत्तराखंड में धरती डोली थी। टिहरी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
इससे पहले 12 दिसंबर को उत्तरकाशी समेत समूचे राज्य में भूकंप आया था। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वरिष्ठ भूकंप वैज्ञानिक डॉ. अजय पॉल के मुताबिक जिस तरह यूरेशियन प्लेट की तरफ इंडियन प्लेट हर साल चार से पांच सेंटीमीटर आगे खिसक रही है उससे लगातार भूगर्भीय हलचल जारी है।
ऐेसे में नेपाल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर जैसे हिमालयी इलाकों में भूकंप आते रहेंगे। भूगर्भीय हलचल से उससे बड़े पैमाने पर ऊर्जा पैदा हो रही है। इससे बिहार से लेकर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा तक लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। रिक्टर स्केल पर कम तीव्रता वाले भूकंप इस बात का संकेत नहीं है कि भविष्य में बड़े भूकंप नहीं आएंगे। जो सेंट्रल सिस्मिक गैप बिहार से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा तक है, इस इलाके में बड़े भूकंप की आशंका बरकरार है।