बॉर्डर पर जाएंगे MS Dhoni!, जानें क्या है Territorial Army? कितनी मिलती है सैलरी?

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What is Territorial Army: भारत और पाकिस्तान के बीच हालात तनावपूर्ण हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। अब सेना प्रमुख को ये अधिकार मिल गया है कि वो टेरिटोरियल आर्मी(Territorial Army) के किसी भी जवान या अफसर को सीधे मिशन पर भेज सकते हैं। जब जहां और जैसे जरूरत हो।

सरकार ने इसके लिए बाकायदा नोटिफिकेशन जारी किया है। ये फैसला “टेरिटोरियल आर्मी रूल्स 1948” के नियम 33 के तहत लिया गया है। यानी अब टेरिटोरियल आर्मी भी देश की सुरक्षा व्यवस्था में और ज्यादा एक्टिव रोल निभा सकेगी।

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kya hai टेरिटोरियल आर्मी? What is Territorial Army

बहुत से लोगों के मन में ये सवाल होता है कि टेरिटोरियल आर्मी क्या है? इसका काम क्या होता है? आसान भाषा में समझें तो ये वो लोग होते हैं जो आमतौर पर अपनी सिविल जॉब करते हैं। लेकिन सेना की बेसिक ट्रेनिंग भी लेते हैं। और जब देश को जरूरत हो तो बिना किसी हिचकिचाहट के वर्दी पहनकर देश की सेवा में जुट जाते हैं।

टेरिटोरियल आर्मी में फिलहाल 32 इन्फैंट्री बटालियन हैं। जिनमें से 14 अलग-अलग कमांड्स के तहत कहीं भी तैनात की जा सकती हैं।

देशभक्ति के साथ सुविधाएं भी

टेरिटोरियल आर्मी में शामिल होने का मतलब सिर्फ देशभक्ति निभाना नहीं है। यहां सुविधाएं भी भरपूर मिलती हैं। जो भी इसमें चयनित होता है। उसे नियमित सैलरी के साथ-साथ मेडिकल सुविधा, मुफ्त राशन, आर्मी कैंटीन (CSD) जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।

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जहां तक सैलरी की बात है वो रैंक के हिसाब से तय होती है। शुरुआती वेतन 56,100 रुपये से शुरू होकर 2,25,000 रुपये तक जा सकता है। अब हालात अलग हैं। टेरिटोरियल आर्मी की भूमिका और अहम हो गई है।

एमएस धोनी भी जाएंगे बॉर्डर पर

एमएस धोनी भी टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा है। ऐसे में अब वो आर्मी में अपनी सेवाएं दे सकते हैं। धोनी के अलावा अभिनव बिंद्रा, कपिल देव, अनुराग ठाकुर आदि बड़े नाम भी टेरिटोरियल आर्मी में शामिल है।

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भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव

भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव और आंतरिक सुरक्षा के हालात को देखते हुए अब टेरिटोरियल आर्मी केवल सपोर्ट फोर्स नहीं रही। सेना प्रमुख को मिला नया अधिकार ये बताता है कि टेरिटोरियल आर्मी अब सीधी कार्रवाई में भी हिस्सा ले सकती है। तो कुल मिलाकर अब जो लोग सोचते थे कि टेरिटोरियल आर्मी बस एक पार्ट-टाइम ड्यूटी है। वो शायद दोबारा सोचें। क्योंकि अब ये फोर्स मिशन मोड पर आ चुकी है।

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