हल्द्वानी। मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं देते हुए शास्त्री महेश चन्द्र जोशी ने बताया कि मकर संक्रांति का पर्व भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है शास्त्री महेश चन्द्र जोशी ने बताया कि इस साल भगवान सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की सांयकाल के बाद रात्रि के समय 8 बजकर 45 मिनट में होने से मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी (1 गते) को ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाना शास्त्र सम्मत है।
शास्त्री महेश चन्द्र जोशी ने बताया कि मकर संक्रांति का पर्व सभी जगह एक ही दिन मनाया जाता है परन्तु घुघुते बनाने का पर्व लोक प्रथा के अनुसार दो दिन मनाया जाता है
जो लोग 1 गते को मनाने वाले है वह 14 जनवरी को घुघुते बनाकर 15 जनवरी (1गते को) कौवें को खिलायेगे और जो लोग (2 गते को मनाने वाले) 15 जनवरी को घुघुते बनाकर 16 जनवरी (2 गते को) कौवें को खिलायेगे।
शास्त्री महेश चन्द्र जोशी ने बताया कि मकर संक्रांति को दान , स्नान , जप , तप , पितरों का श्राद्ध करना , उनको तर्पण देना , मंदिरों में पूजा अर्चना करना आदि को हमारे शास्त्रों में विशेष महत्व दिया गया है। कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन दिया गया दान कई गुना फल लेकर वापस आता है। इसीलिए इस दिन लोग अधिक से अधिक दान – पुण्य व धार्मिक कार्य करते हैं।