

- बागजाला में मालिकाना अधिकार और निर्माण कार्यों में लगी रोक हटाने के लिए अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन 91 वें दिन में भी जारी
बागजाला को मालिकाना अधिकार, राजस्व गाँव बनाने, सड़क, पानी, बिजली, घर शौचालय निर्माण पर लगी रोक हटाने, पंचायत चुनाव में मतदान का अधिकार सहित आठ मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना 91 वें दिन भी जारी रहा।
धरने को सम्बोधित करते हुए भाकपा माले जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, लालकुआं के भाजपा विधायक जनता के साथ राजस्व गांव और मालिकाना अधिकार के नाम पर छल कर रहे हैं। विधायक डा मोहन सिंह बिष्ट द्वारा विभिन्न गांवों के राजस्व गांव के मुद्दे पर की जा रही वादाखिलाफी का नमूना बिंदुखत्ता वनाधिकार समिति की फाइल पर जिलाधिकारी नैनीताल द्वारा तमाम आपत्तियों को लगाने के रूप में सामने आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि जगह जगह वनाधिकार समिति बनाना विधायक और भाजपा की राज्य सरकार द्वारा जनता को बरगलाने के लिए उठाया गया कदम था।
उन्होंने कहा कि, बागजाला से लेकर बिंदुखत्ता तक राजस्व गांव बनाने के लिये राज्य विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजकर डिसफॉरेस्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए, यही राजस्व गांव बनाने की सही प्रक्रिया है। भाकपा(माले) और अखिल भारतीय किसान महासभा ने यह बात लगातार पहले भी कही है। असलियत में लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में जहां जहां भी डॉ मोहन सिंह बिष्ट के विधायक बनने के बाद भाजपा ने वन अधिकार समितियां बनवाई हैं उनकी लड़ाई वन अधिकार कानून के तहत कहीं नहीं टिकती। दरअसल राजस्व गांव और मालिकाना हक की आवाज को गुमराह करने के लिए भाजपा ने ये समितियां बनवाई। जिलाधिकारी नैनीताल द्वारा लगायी गयी आपत्तियां इस बात का प्रमाण हैं कि भाजपा और लालकुआं विधायक वन भूमि पर बसी जनता को गुमराह करने में लगे हैं। लालकुआं विधायक तो हर जगह यह घोषणा कर रहे थे कि बिंदुखत्ता राजस्व गांव की सारी प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है केवल घोषणा होना बाकी है लेकिन नैनीताल जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति ने बिंदुखत्ता वन अधिकार समिति की फाइल पर तीन मुख्य आपत्ति समेत कई आपत्तियां लगाई हैं। राजस्व गांव को लेकर जनता के समक्ष मिथ्या प्रचार करते हुए बड़बोलापन दिखाकर भ्रम फैलाने के लिए विधायक पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। अब समय आ गया है कि वन भूमि पर बसी जनता इनके फैलाए भ्रम जाल से निकल कर राजस्व गांव बनाने की कमान अपने हाथ में लेकर बड़े आंदोलन की शुरूआत करे।
91 वें दिन के धरना प्रदर्शन में डॉ कैलाश पाण्डेय, वेद प्रकाश, सुरेश चन्द्र आर्य, प्रेम सिंह नयाल, मीना भट्ट, दौलत सिंह, हरीश चंद्र, हेमा देवी, चंदन सिंह मटियाली, प्रतिमा देवी, भोला सिंह, दीवान सिंह बरगली, तुलसी, सुनीता देवी, रेवाधर, सुमित, मन्नू देवी, आशा देवी, दिनेश चंद्र, मुकेश कुमार, हरी गिरी, भगवती देवी, रियाज खान, धनी राम, गणेश आदि मौजूद रहे । सभा का संचालन अखिल भारतीय किसान महासभा बागजाला के सचिव वेद प्रकाश ने किया ।


