


शरणार्थियों के लिए आवंटित सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे का खुलासा, 10 साल से चल रहा था पेट्रोल पंप, अब सरकार ने लिया नियंत्रण
देहरादून। जिले में अवैध निर्माण और भूमि पर कब्जों के खिलाफ जिला प्रशासन का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में प्रशासन ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लेते हुए प्रेमनगर क्षेत्र के ठाकुरपुर आरकेडिया ग्रांट में स्थित एक फर्जी विक्रय पत्र के आधार पर संचालित पेट्रोल पंप का लाइसेंस निरस्त कर रातोंरात सील लगा दी है। यह कार्रवाई जनता दर्शन में सामने आए एक मामले की जांच के बाद की गई, जिसमें यह खुलासा हुआ कि उक्त भूमि शरणार्थियों के लिए आवंटित की गई सरकारी जमीन है। करीब 356 वर्ग मीटर सरकारी भूमि पर बीते 10 वर्षों से अवैध रूप से पेट्रोल पंप संचालित किया जा रहा था। जांच में सामने आया कि चरनजीत भाटिया नामक व्यक्ति ने खसरा संख्या 191 पर कूटरचित विक्रय पत्र के माध्यम से भूमि अपने नाम दर्ज करवाई और बाद में उसे अपने पुत्र गगन भाटिया को उपहार में दे दिया। जबकि वास्तविक रूप से यह भूमि सरकार के नाम दर्ज है और रिफ्यूजी कैम्प के तहत आती है।
डीएम बंसल के निर्देश पर जिला पूर्ति अधिकारी और एसडीएम सदर की संयुक्त जांच में पाया गया कि पेट्रोल पंप खसरा संख्या 192 पर संचालित है, लेकिन दस्तावेज खसरा संख्या 191 के फर्जी विक्रय पत्र पर आधारित हैं। इस आधार पर अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) ने पूर्व में पारित सभी आदेश निरस्त करते हुए भूमि को पुनः सरकार के नाम दर्ज करने का निर्देश दिया। इसके क्रम में जिलाधिकारी ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया। यह प्रमाण पत्र वर्ष 2014 में जारी किया गया था। इस सख्त कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि जिला प्रशासन देहरादून अवैध को वैध बनाने की अनुमति नहीं देगा, बल्कि कानून के दायरे में रहकर ऐसे फर्जीवाड़े पर कठोर कार्रवाई जारी रखेगा। जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिले भर में भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान लगातार तेज होता जा रहा है।