दिल्ली । संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। इस दौरान महज 19 दिन कामकाज चलेगा। सरकार की योजना है कि वह इन 19 दिनों में 17 से ज्यादा बिल पास करवा ले। वहीं, विपक्ष ने भी महंगाई, किसान आंदोलन जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है।
विपक्षी दल सरकार को कोविड की दूसरी लहर के दौरान सरकार के कथित कुप्रबंधन, किसान आंदोलन, महंगाई और सीमा पर चीन की कार्रवाई जैसे मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेंगे। सत्ता पक्ष भी पूरी तैयारी के साथ पलटवार को तैयार है। विपक्षी दल से जुड़े नेताओं ने संकेत दिया कि कोविड-19 महामारी के प्रबंधन से जुड़े मसले, खास तौर पर राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर भी विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगा। हालांकि सरकार ने टीकाकरण का रिकॉर्ड बनाने का दावा किया, लेकिन उसके पहले और उसके बाद देश भर में टीकाकरण की धीमी गति का मुद्दा भी उठ सकता है। उत्तर प्रदेश के प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण कानून, राष्ट्रीय सुरक्षा आदि मुद्दों पर भी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई है। सरकार ने इस सत्र के दौरान 17 नये विधेयकों को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया है। इनमें से तीन विधेयक हाल में जारी अध्यादेशों के स्थान पर लाए जाएंगे।इनमें से एक अध्यादेश 30 जून को जारी किया गया था जिसके जरिये रक्षा सेवाओं में शामिल किसी के विरोध प्रदर्शन या हड़ताल में शामिल होने पर रोक लगाई गई है। आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 आयुध फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) के प्रमुख संघों द्वारा जुलाई के अंत में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी देने की पृष्ठभूमि में लाया गया है। संबंधित संघ ओएफबी के निगमीकरण के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। लोकसभा द्वारा 12 जुलाई को जारी बुलेटिन के मुताबिक अध्यादेश का स्थान लेने के लिए आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 को सूचीबद्ध किया गया है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग-2021 अन्य विधेयक है जो अध्यादेश की जगह लाया जाएगा। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को संसद सदस्यों से अपील की कि महामारी के बीच वे लोगों के साथ खड़े हों और सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करें।