ऋषिकेश में कोतवाली पुलिस ने सराहनीय कार्य करते हुए एक डेढ़ वर्षीय मासूम को कुछ ही घंटों में सुरक्षित बरामद कर लिया। जानकारी के अनुसार, एक महिला ने मासूम को आंगन से उठाकर ले जाने का प्रयास किया जब बच्ची की मां पास ही बर्तन धो रही थी। इस घटना ने स्थानीय निवासियों को सकते में डाल दिया है, और शहर में बच्चा चोरी की घटनाओं को लेकर चिंता भी बढ़ी है।
मायाकुंड निवासी संजय, जो मूल रूप से ग्राम छतईखेला, जिला उन्नाव (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं, ने रविवार को कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि करीब साढ़े ग्यारह बजे उनकी डेढ़ वर्षीय बेटी रिवांशी को कोई उनके घर के आंगन से चुपके से उठा कर ले गया। संजय ने कहा कि घटना के समय रिवांशी की मां कुछ दूरी पर बर्तन धो रही थी और मासूम आंगन में खेल रही थी। काफी
संजय की बेटी रिवांशी के अपहरण की सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया। मासूम की तलाश के लिए टीमें गठित की गईं और आसपास के क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए। इसके अलावा, कुछ टीमों के साथ परिवार के सदस्य भी भेजे गए ताकि वे बच्ची को आसानी से पहचान सकें।एक टीम ने त्रिवेणी घाट की ओर खोजबीन शुरू की, जहां उन्हें एक महिला की गोद में एक बच्ची दिखाई दी। टीम के साथ मौजूद रिवांशी के परिजन ने तुरंत बच्ची को पहचान लिया, और पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बच्ची को सुरक्षित बरामद कर लिया।
पुलिस को संदेह है कि उक्त महिला ने बच्ची को निसंतान दंपतियों को बेचने के इरादे से चुराया हो सकता है। साथ ही, दीपावली के त्योहार को देखते हुए यह भी आशंका जताई जा रही है कि बच्ची का अपहरण तंत्र विद्या जैसे अंधविश्वास से जुड़े कारणों के लिए किया गया हो सकता है। आरोपी महिला पूछताछ के दौरान मानसिक रूप से कमजोर होने का नाटक कर रही है और अपने बारे में स्पष्ट जानकारी देने से बच रही है, जिससे जांच और भी संदिग्ध हो गई है। पुलिस इस मामले की गहराई से छानबीन कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि बच्ची को चोरी करने के पीछे उसका असली मकसद क्या था।