


भीमताल नगर पालिका क्षेत्र के नवनिर्वाचित वार्ड नंबर 3 (बिलासपुर, नौल, बिजरौली) में बच्चों और किशोर-किशोरियों के लिए खेल मैदान बनाने की लंबे समय से चली आ रही मांग पर अब नगर पालिका बोर्ड ने रोक लगा दी है। इस वार्ड में अब तक कोई खेल संसाधन उपलब्ध नहीं होने से स्थानीय युवाओं को खेलने के लिए स्थान की कमी का सामना करना पड़ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने वर्ष 2016-17 से इस मुद्दे को लेकर विभिन्न विभागों से प्रयास किए हैं, लेकिन हाल ही में नगर पालिका अधिशासी अधिकारी उदय वीर सिंह के जवाब ने मांग पर पूर्ण विराम लगा दिया है।वार्ड के निवासियों के अनुसार, बिलासपुर, नौल और बिजरौली जैसे क्षेत्रों में सैकड़ों बच्चे और युवा रहते हैं, लेकिन खेलने के लिए कोई समुचित मैदान या सुविधा न होने से उनकी शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ रहा है। बृजवासी ने बताया कि उन्होंने युवा कल्याण विभाग, नगर पालिका, राजस्व विभाग और जिला प्रशासन से लगातार संपर्क किया। दिसंबर 2024 में राजस्व विभाग ने वार्ड में उपयुक्त जमीन का चयन भी कर लिया था। पूर्व उप जिलाधिकारी प्रमोद कुमार से मिलकर बृजवासी ने खेल संसाधनों सहित मैदान निर्माण की मांग रखी, तो नगर पालिका अधिशासी अधिकारी उदय वीर सिंह ने एसडीएम के समक्ष आश्वासन दिया कि “पैसे की कोई कमी नहीं है, जल्द ही निर्माण कर दिया जाएगा।”इसके बाद नगर पालिका और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने मौके पर जाकर जमीन का सीमांकन और हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी की। लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण कार्य रुक गया। चुनाव के बाद फरवरी 2025 में बृजवासी ने नगर पालिका में पत्राचार किया, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। आखिरकार, उन्होंने उत्तराखंड सरकार के समाधान पोर्टल पर शिकायत दर्ज की। पोर्टल पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिशासी अधिकारी उदय वीर सिंह ने स्पष्ट कहा कि “खेल मैदान नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि नगर पालिका बोर्ड ने इस पर आपत्ति दर्ज की है।”इस फैसले से वार्ड के निवासी निराश हैं। बृजवासी ने कहा, “खेल संसाधन विहीन इस वार्ड को खेलने का स्थान कैसे मिलेगा? बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है।” उन्होंने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग करते हुए जिलाधिकारी वंदना सिंह को पत्र लिखा है, जिसमें मामले को संज्ञान में लेकर तत्काल खेल मैदान उपलब्ध कराने की अपील की गई है। जिलाधिकारी कार्यालय से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन स्थानीय स्तर पर इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज हो गई है।निवासियों का कहना है कि यदि समय रहते इस मांग को पूरा नहीं किया गया, तो वे आंदोलन का रुख अपनाने को मजबूर होंगे। यह मामला स्थानीय विकास और युवा कल्याण से जुड़ा होने के कारण जिला प्रशासन के लिए चुनौती बन सकता है।👏