कोविड के नए वेरियंट ने बढ़ाई टेंशन,जानिए ताजा आंकड़े

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कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोम ने चिंता बढ़ा दी है ,भारत में भी यह पैर पसारने लगा है । 4 दिन में देश में 2 में से आंकड़ा 21 तक पहुंच गया है। रविवार को राजस्थान में ओमिक्रॉन के 9 मामले , महाराष्ट्र में 7 नये मामलों तथा दिल्ली में एक मामले की पुष्टि के बाद देश में इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 21 हो गयी है।
राजस्थान में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के नौ मरीज पाए गए हैं। चिकित्सा विभाग के सचिव वैभव गालरिया ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दक्षिण अफ्रीका से आए परिवार की जिनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट में नौ लोग कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से ग्रसित पाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि विभाग ने दक्षिण अफ्रीका से आए परिवार के चार लोगों को पूर्व में ही आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती करवा दिया था। उनके संपर्क में आए पांच अन्य लोग भी संक्रमित पाए गए हैं, इन्हे भी भर्ती किया जा रहा है।

गालरिया ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से आए परिवार सहित उनके सम्पर्क में आए 34 लोगों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से नौ लोग कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि परिवार के संपर्क में सीकर जिले के अजीतगढ़ का एक परिवार भी आया था। विभाग ने सीकर में उन सभी आठ लोगों की भी ट्रेसिंग की वे सभी कोरोना नेगेटिव पाए गए हैं। उन्होंने बताया की सम्पर्क में आए सभी लोगो की व्यापक स्तर पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर सैंपल लिए जा रहे हैं।

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उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से आए परिवार के जयपुर में आने के बाद से ही विभाग पूरी तरह सक्रिय था तथा लगातार इनकी मॉनिटरिंग की जा रही थी। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा सघन कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है।

जनवरी अंतिम सप्ताह तक पीक पर होगी कोरोना की तीसरी – प्रो. अग्रवाल

दिल्ली। देश में तीसरी लहर आना लगभग तय है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का प्रभाव दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक दिखने लगेगा। जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी की शुरुआत में ओमिक्रॉन का पीक होगा। आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने नए अध्ययन में यह दावा किया है। हालांकि, तीसरी लहर, दूसरी लहर की तुलना में कम घातक होगी। बता दें कि हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन पाया गया है, जिसे लेकर पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। अध्ययन के मुताबिक, तीसरी लहर दूसरी लहर की तरह घातक नहीं होगी। प्रो. अग्रवाल ने अपने गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर यह निष्कर्ष निकाले हैं। इससे पहले प्रो. मणींद्र ने गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर ही दूसरी लहर के बाद ही नए म्यूटेंट के आने से तीसरी लहर की आशंका जताई थी।

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कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर में अपने गणितीय मॉडल सूत्र के माध्यम से आकलन करने वाले प्रो. अग्रवाल ने दक्षिण अफ्रीका में फैले ओमिक्रॉन वेरिएंट पर स्टडी शुरू कर प्रारंभिक स्टडी जारी की है।
इसके मुताबिक, अब तक जितने भी केस स्टडी सामने आई हैं, उसमें संक्रमण तेजी से फैल रहा है लेकिन बहुत अधिक घातक नहीं मिला है। प्रो. अग्रवाल ने कहा कि सितंबर माह में ही तीसरी लहर को लेकर जो आकलन किया था, वह सच साबित होता दिख रहा है। कई देशों में फैलने के बाद भारत में भी ओमिक्रॉन के केस मिलने शुरू हो गए हैं। उन्होंने बताया कि जब तीसरी लहर पीक पर होगी, तब रोजाना एक से डेढ़ लाख के बीच संक्रमित मरीजों के मिलने की संभावना है। प्रो. अग्रवाल ने अपने गणितीय मॉडल सूत्र से पहले व दूसरी लहर में भी स्टडी की थी। उनकी रिपोर्ट का आकलन काफी हद तक सही साबित हुआ था।

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प्रो. अग्रवाल के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर का भी बच्चों पर असर कम होगा। उनमें लक्षण भी कम नजर आएंगे और वे जल्दी रिकवर हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज जल्दी रिकवर होंगे। उन्हें सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होंगे लेकिन दूसरी लहर की तरह अधिक परेशान नहीं होंगे। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि यह वेरिएंट नेचुरल इम्युनिटी को ज्यादा बाईपास नहीं कर रहा है। नेचुरल इम्युनिटी का मतलब जो लोग एक बार कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें अधिक घबराने की जरूरत नहीं है। वे संक्रमण से नहीं बच पाएंगे लेकिन अधिक दिक्कत जैसी स्थिति नहीं होगी।
प्रो. अग्रवाल के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर से बचने का सबसे अच्छा माध्यम सावधानी बरतना और वैक्सीन है। जिन लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज या अभी पहली ही डोज नहीं लगवाई है, वे तुरंत वैक्सीन लगवा लें। मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

प्रो. अग्रवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरा लॉकडाउन लगाने की आवश्यकता नहीं है। बचाव की चीजों को ही अगर सख्ती से पालन कराया जाए तो काफी है। जरूरत पड़ने पर हल्का लॉकडाउन लगाया जा सकता है।

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