एक तरफ शहर में मुख्यमंत्री धामी का चुनावी रोड शो,दूसरी तरफ़ गांव में किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष उपाध्याय नजरबंद

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किसानों की समस्या का एक ज्ञापन मुख्यमंत्री धामी को सौंपना चाहते थे कार्तिक उपाध्याय

प्रशासन का यह कदम लोकतंत्र के लिए खतरनाक,गांव में आवारा पशुओं से परेशान हैं किसान

आज दिनांक 16 जनवरी 2025 को हल्द्वानी शहर में सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी भाजपा मेयर प्रत्याशी गजराज सिंह बिष्ट के समर्थन में रोड शो करने पहुंचे थे,लेकिन उनके आने से पूर्व ही गांव के किसानों की समस्या से मुख्यमंत्री को अवगत कराने के लिए निकले किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय को पुलिस द्वारा नजरबंद कर दिया गया।

उपाध्याय दर्शन के लिए बेलबाबा मंदिर गए हुए थे तभी पुलिस वहां पहुंची और किसान नेता के बाहर निकलने के बाद ही उन्हें पुलिस द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने से रोका गया और नजरबंद कर दिया गया।

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किसान नेता ने कहा कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधानिक अधिकारों का हनन हैं बीते दिनों से गांव के किसान लगातर आवारा पशुओं द्वारा फसलों को नष्ट करने के कारण परेशान हैं और जिम्मेदार अधिकारी बताते हैं गौशाला में टीन शेड न होने के कारण वह इन पशुओं को गांव से नही उठा सकते इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपकर किसानों की समस्या से अवगत कराने की सोची थी लेकिन आज ऐसा लगा कि मुख्यमंत्री सिर्फ भाजपा के मुख्यमंत्री हैं किसानों के नहीं,यदि एक मिनट का समय निकालकर मुख्यमंत्री मिल लेते तो किसानों की समस्या हल हो सकती थी,करोड़ों गौ सेवा के नाम पर खर्च होते हैं लेकिन गौशाला में टीन शेड तक नही बन पाता आखिर यह चिंतनीय विषय हैं,प्रशासन को इस तरह नजरबंद करने का अधिकार नहीं अच्छा होता प्रशासन जितना मुख्यमंत्री को छवि बचाने का प्रयास करता हैं उससे बेहतर हैं किसानों की समस्या के प्रति गंभीर बनें,प्रशासन का कार्य सिर्फ मुखिया को सेवा करना नहीं बल्कि आम जन की समस्या को सरकार तक पहुंचाना हैं।

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किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार में धीरे धीरे राज्य की सामाजिक राजनीतिक दशा बदल रही,कभी कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को इस तरह नजरबंद किया जाता था लेकिन आज तीसरी दफा हैं की मुख्यमंत्री शहर आते हैं तो किसान नेताओं को नजरबंद किया जाता हैं,उन्होंने कहा जल्द प्रदेश के किसानों के साथ मुलाकात की जायेंगी एक बड़ा आंदोलन राज्य की भाजपा धामी सरकार के खिलाफ किया जाएगा,शहर ही नहीं अगर अब सीधे मुख्यमंत्री से मिलने देहरादून उनके आवास भी जाना पड़ा तो आंदोलन के रूप में जाया जाएगा,इस तरह बार बार किसानों को अनदेखा करना राज्य सरकार के लिए खतरा बनेगा किसान हितों के लिए संघर्ष हमेशा जारी रहेगा।

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उन्होंने भाजपा और कांग्रेस सहित सभी प्रत्याशियों को सुझाव दिया है,क्योंकि राज्य सरकार के पास शायद गौशाला में टीन शेड लगाने के लिए पैसा नही हैं तो ऐसे में वह अपने चुनावी खर्च से कुछ धनराशि टीन शेड में लगाएं इससे उन्हें पुण्य ही मिलेगा और गांव के किसानों का समर्थन भी।

इस दौरान किसान मंच के ज्ञापन को भीमताल थानाध्यक्ष विमल मिश्रा द्वारा लिया गया और आश्वस्त किया गया की मुख्यमंत्री तक ज्ञापन पहुंचाया जाएगा।

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