देहरादून। सीबीआई देहरादून की टीम ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में अवैध निर्माण और पेड़ कटान की जांच को आगे बढ़ाते हुए कोटद्वार में वनकर्मियों से कई घंटे पूछताछ की। इस प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लांड्रिंग की जांच कर रहा है।
तत्कालीन वन मंत्री समेत वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी भी इस जांच में शामिल हैं। उधर वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ के साथ ही सीबीआई दस्तावेजों को भी अपने कब्जे में ले रही है।
सीबीआई टीम बुधवार को कोटद्वार व उससे सटे वन रेंज के कर्मचारियों से पूछताछ के लिए रवाना हुई। टीम ने वन विभाग के कार्यालयों में दस्तावेज खंगाले और कई घंटे पूछताछ की। बताया जा रहा है कि इस दौरान सीबीआई के हाथ कई अहम दस्तावेज लग गए हैं, जिससे जांच अन्य अधिकारियों तक भी पहुंच सकती है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में वर्ष 2019 में टाइगर सफारी बनाने के लिए 106 हेक्टेयर क्षेत्र में 163 पेड़ काटने की अनुमति मिली। इस दौरान यहां पर 6093 पेड़ काट दिए गए। वन आरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण भी किया गया। इस मामले में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत, पूर्व डीएफओ किशन चंद समेत कुछ अन्य वन अधिकारी-कर्मचारी का नाम सामने आया। बाद में वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक भी मामले में लिप्त पाए गए।
मामले से पर्दा हटा तो विजिलेंस जांच के बाद सीबीआई जांच शुरू हुई। प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लांड्रिंग की जांच शुरू की। पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक, सेवानिवृत्त अधिकारी किशनचंद समेत अन्य से पूछताछ के साथ ही ईडी की ओर से छापेमारी भी की गई।