नाबालिग समेत तीन प्रशिक्षु महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार आरोपित क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड (सीएयू) के निलंबित पदाधिकारी व लिटिल मास्टर क्रिकेट क्लब के संचालक व कोच नरेंद्र शाह को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने जमानत पर रिहा कर दिया है।
दो सप्ताह से पुलिस आरोपित की गिरफ्तारी के लिए चक्कर काट रही थी, लेकिन पुलिस उसे जेल नहीं भिजवा पाई। कोर्ट ने कहा आरोपित के खिलाफ जो धाराएं हैं सब में सजा सात साल से कम हैं। ऐसे में आरोपित को जेल नहीं भेजा जा सकता है।
छेड़छाड़, एससी-एसटी एक्ट और पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा
आरोपित के विरुद्ध तीनों प्रशिक्षु खिलाड़ियों ने नेहरू कालोनी थाने में छेड़छाड़, एससी-एसटी एक्ट और पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवाया था। आरोपित भारतीय महिला क्रिकेट टीम की एक सीनियर खिलाड़ी का कोच भी रहा है।
इससे पहले मंगलवार देर शाम आरोपित नरेंद्र शाह को पेट में दर्द की शिकायत पर दून अस्पताल से चिकित्सकों ने रेफर कर दिया था, जिसके बाद उन्हें ऋषिकेश स्थित एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में भर्ती कराया गया था। गुरुवार शाम को एम्स से छुट्टी मिलते ही पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी भी पांच घंटे बाद दिखाई।
नेहरू कालोनी के थानाध्यक्ष लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि शुक्रवार को आरोपित को ड्यूटी मजिस्ट्रेट एसीजेएम-4 अभिषेक श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपित पर लगे आरोप गंभीर हैं। वह बाहर रहकर गवाहों को प्रभावित कर सकता है, इसलिए उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जाए।
अदालत ने कहा कि आरोपित कोच पर लगी धाराओं में सजा सात साल से कम है। सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार सात साल से कम सजा वाले आरोपित को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जा सकता। ऐसे में कोर्ट ने आरोपित को 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया।
दो सप्ताह पूर्व इंटरनेट मीडिया पर एक आडियो तेजी से प्रसारित हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति एक लड़की से अश्लील बातें और गाली-गलौज कर रहा था। इसके बाद लिटिल मास्टर क्रिकेट क्लब के संचालक व कोच और क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड के पदाधिकारी नरेंद्र शाह ने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की, जिन्हें स्वजन ने दून अस्पताल में भर्ती कराया था।
इसके बाद इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे उक्त आडियो को नरेंद्र शाह का बताया गया। बीते कुछ दिन पहले मामले में तीन प्रशिक्षु महिला खिलाड़ी भी सामने आई और पुलिस में नरेंद्र शाह के खिलाफ छेड़छाड़ समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया। तीनों प्रशिक्षु खिलाड़ी नरेंद्र शाह के क्लब की ही बताई जा रही हैं। इनमें एक नाबालिग भी शामिल है।
क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड ने भी प्रकरण सामने आने के बाद नरेंद्र शाह को सभी पदों से निलंबित कर दिया था। सीएयू की ओर से उसे पूर्व में पर्वतीय क्रिकेट एसोसिएशन चमोली के सचिव व जूनियर महिला क्रिकेट के समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई थी। मामला गंभीर होने के चलते बाल आयोग सहित अन्य कई संगठन कोच के विरोध में उतरे और उसके खिलाफ प्रदर्शन किया।