रूड़की। मूल निवास एवं सशक्त भू कानून को लेकर दस नवंबर को हरिद्वार में आयोजित होने वाले स्वाभिमान रैली को लेकर यहां आयोजित बैठक में सभी से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर रैली को सफल बनाने का आह्वाहन किया।
मूल निवास एवं ससक्त भू कानून समन्वय समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने रुड़की स्थित शिवाजी कालोनी में अशोक नगर क्षेत्रीय विकास समिति के सभागार में आयोजित बैठक में मूल निवास एवं सशक्त भू कानून और राजधानी गैरसैंण पर विस्तृत चर्चा करते हुए उत्तराखण्ड की भावी पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लोगों से आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि माफिया और नेताओं के गठजोड़ ने उत्तराखण्ड को लूट का अड्डा बना लिया है। राज्य में जो भी सरकार आयी वह उत्तराखण्ड की परिसम्पत्तियों को खुर्द-बुर्द कर राज्य को बर्बाद करने पर तुली रही हैं।
मेाहित डिमरी ने कहा कि जो उत्तराखंड शान्ति के लिए देवताओं का गढ़ एवं सैन्य भूमि वीर नारियों का गढ़ है उसे खुर्द-बुर्द करने में हमारे जनप्रतिनिधि कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वे ओने पौने दामों पर हमारी जमीनें एवं यहां तक कि हमारी धरोहरें जल, जंगल, जमीन को भी बेच कर उत्तराखंड की सुरम्य वादियों को बरवाद करने पर तुले हैं। हमारे युवाओं का अधिकार खत्म कर उन्हें बेरोजगार करने के साथ बेघर करने पर तुले हैं। डिमरी ने कहा कि इसलिए अपने अस्तित्व को बचाने के लिए हमें पुनः 1994 के उत्तराखंड राज्य आन्दोलन की तरह उत्तराखंड को बचाने की लड़ाई को लड़ना होगा।
इस अवसर पर पहाड़ी महासभा हरिद्वार के अध्यक्ष तरुण व्यास, महासचिव जसवंत बिष्ट, राज्य आन्दोलनकारी सुन्दर सिंह मनराल, विष्णु दत्त सेमवाल ने भी 10 नवम्बर को हरिद्वार में होने वाली रैली पहुंचने के लिए लोगों का आह्वाहन किया। रुड़की के प्रथम राज्य आंदोलनकारी तथा उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हर्षप्रकाश काला ने सभी आन्दोलन कारियक्ष यों एवं क्षेत्रीय जनता से 10 नवम्बर की रैली में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का अनुरोध किया। जिवानन्द बुडाकोटी ने अपने संबोधन में कहा कि हमें अपने मूल को नहीं भूलना चाहिए जिस पेड़ की मूल मजबूत नहीं होती वह कभी भी गिर सकता है इसलिए अपने मूल को बचाने के लिए हमें हर संघर्ष में सहयोग करना चाहिए।
इस मौके पर अशोक नगर क्षेत्रीय विकास समिति के महासचिव शिव चरण बिंजौला महासचिव मायाराम भट्ट सांस्कृतिक सचिव दिगम्बर सिंह नेग सम्पत्ति सचिव शिव सिंह राव पूर्व अध्यक्ष देव सिंह सांवत, पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह रावत, राजेन्द्र सिंह रावत अध्यक्ष ढं़डेरा गढ़ भूमि सांस्कृतिक समिति, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, नन्दा ऐरी, भारती रौतेला पंकज उनियाल, डॉ मयंक पोखरियाल, हिम्मत सिंह बिष्ट, आशुतोष कोठारी, सुनील सेमवाल, एल पी रतूड़ी, संतोषी राणा, रेखा नेगी, महिपाल सिंह रावत, पिताम्बर देवरानी, नन्दन सिंह रावत, इन्द्रपाल सिंह गुसाईं, राज्य आंदोलनकारी पार्वती रावत, उमा नेगी, शाकुम्बरी चौहान, शकुंतला सती, विद्या रावत, जगदीश प्रसाद जदली आदि उपस्थित रहे।