शिक्षक के द्वारा व्यक्ति के भविष्य को बनाया जाता है एवं शिक्षक ही वह सुधार लाने वाला व्यक्ति होता है। प्राचीन भारतीय मान्यताओं के अनुसार शिक्षक का स्थान भगवान से भी ऊँचा माना जाता है क्योंकि शिक्षक ही हमें सही या गलत के मार्ग का चयन करना सिखाता है।इस बात को कुछ ऐसे प्रदर्शित किया गया है-गुरु:ब्रह्मा गुरुर् विष्णु: गुरु: देवो महेश्वर: गुरु:साक्षात् परम् ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:। कबीर कहते हैं गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पांय बलिहारि गुरु आपनो गोविंद दियो बताय।शिक्षक आम तौर से समाज को बुराई से बचाता है और लोगों को एक सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बनाने का प्रयास करता है। इसलिए हम यह कह सकते है कि शिक्षक अपने शिष्य का सच्चा पथ प्रदर्शक है।
शिक्षक दिवस के अवसर पर देवभूमि के दो शिक्षकों का चयन शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ है जिन्हें कि राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार दिया जाएगा। ये पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार होगा । गर्व की बात ये है कि इस बार राज्य के दो शिक्षकों को इसके लिए चयनित किया गया है। जी हां.. प्रदीप नेगी और कौस्तुभ जोशी का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ है।
हरिद्वार के प्रदीप नेगी और कुमाऊं से कौस्तुभ जोशी का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ है। इन दो शिक्षकों को शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मानित करेंगी। यह उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है।
शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान देने के लिए शिक्षकों को प्रतिवर्ष राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा शिक्षक दिवस के दिन प्रदान किया जाता है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष 2022 में भी इस पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन किया गया है। गर्व की बात यह है कि इस बार इस सूची में उत्तराखण्ड के शिक्षकों का नाम शामिल है ।