नैनीताल:- पंतनगर कृषि विश्व विद्यालय की 102 एकड़ भूमि को कर उसमें एक नया एयरपोर्ट बनाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई है। जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खण्डपीठ ने राज्य व केंद्र सरकार,पंतनगर विश्विद्यालय व उड्डयन मंत्रालय से दो हफ्ते में जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।ऊधमसिंगनगर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता केशव पासी ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के दक्षिण की ओर एक नया एयरपोर्ट बनाया जाना प्रस्तावित है जिसके लिये पंतनगर विश्वविद्यालय की 102 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा रही है। याचिका में कहा गया है कि राज्य बनने के बाद अब तक पंतनगर विश्व विद्यालय की करीब 4300 एकड़ जमीन गैर कृषि कार्यों हेतु अधिग्रहित की जा चुकी है। जिससे हरित क्रांति के जनक पंतनगर विश्वविद्यालय की अस्मिता व अस्तित्व खतरे में आ गया है। वर्तमान में उत्तर की ओर पहले से ही एयरपोर्ट है। एक तरफ सिडकुल है और अब दक्षिण की ओर एक और एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। जिससे पंतनगर विश्वविद्यालय के चारों ओर शोरगुल होगा। साथ ही प्रदूषण फैलेगा। जिससे इस विश्वविद्यालय का शैक्षणिक माहौल व शोध कार्य प्रभावित होंगे।याचिका में कहा है कि पंतनगर विश्वविद्यालय देश की कुल कृषि बीजों का 25 फीसदी बीजों की जरूरत पूरी करता है और इस अत्यंत उपजाऊ भूमि को गैर कृषि कार्य हेतु भी दिया जा सकता। दूसरी ओर राजस्व परिषद ने अपने एक सर्वे मे माना है कि हैं कि नैनीताल व उधमसिंगनगर में 76842 एकड़ भूमि बंजर पड़ी है। इसलिये उपजाऊ भूमि को एयरपोर्ट निर्माण हेतु दिए जाने के बजाय बंजर भूमि को एयरपोर्ट के निर्माण में प्रयोग किया जाए। इसके अलावा जिस जगह एयरपोर्ट निर्माण प्रस्तावित है उसके आसपास 11 नहरें हैं और यह भूमि दलदली है। जो एयरपोर्ट के लिये उपयुक्त नहीं है साथ ही इस स्थान के समीप से दो हाईटेंशन विद्युत लाइनें भी गुजर रही हैं।
पंतनगर कृषि विश्व विद्यालय की 102 एकड़ भूमि को अधिग्रहित कर उसमें एक नया एयरपोर्ट बनाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
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