ये कहानी है मुंबई के पुलिस रिकॉर्ड में मिसिंग गर्ल 166 की जो अपने लापता होने के 9 साल बाद अपने घर से महज 500 की दूरी पर मिली। कहां रही वो मिसिंग गर्ल 166 नौ सालों तक? किसने किया था उसे अगवा? पूरी कहानी पढ़िए।
इस कहानी की शुरुआथ होती है साल 2013, जनवरी के महीने से। जनवरी की 22 तारीख को स्कूल जाते समय 7 साल की बच्ची लापता हो गई। घरवालों ने बहुत खोजा, पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई। पुलिस ने सालों तक बच्ची की खोज की लेकिन उसका पता नहीं चला। इस दौरान मुंबई पुलिस के रिकॉर्ड में उसकी पहचान मिसिंग गर्ल नंबर 166 बनकर रह गई।
2013 में लापता हुई सात साल की बच्ची साल 2022 में 16 साल की हो चुकी थी। बच्ची को अपने परिवार से अलग हुए 9 साल हो गए थे। मुंबई के अंधेरी पश्चिम इलाके में वह अपने घर से 500 मीटर दूर ही रह रही थी, लेकिन उसे इस बात की खबर नहीं थी। लेकिन इसी बीच एक हैरतअंगेज कारनामा हुआ है और 4 अगस्त 2022 को रात 8:20 बजे वो लापता बच्ची 16 साल की उम्र में अपने परिवार से वापस मिली।
मुंबई की सात साल की पूजा गौड़ 22 जनवरी 2013 को अपने भाई के साथ स्कूल जा रही थी। इसी दौरान भाई-बहन में पॉकेट मनी को लेकर झगड़ा हुआ और वह पीछे रह गई। आरोपी जोसेफ डिसूजा ने स्कूल के पास लड़की को भटकते हुए देखा। वह और उसकी बीवी सोनी लंबे समय से संतान के लिए तरस रहे थे। उसने बच्ची को अगवा कर लिया।
इसी बीच पूजा की तलाश शुरु हुई। उसकी गुमशुदगी के पोस्टर लगे। पुलिस एक्टिव हुई और तलाश की जाने लगी। इस बात से जोसेफ घबरा गया और उसे कर्नाटक के एक हॉस्टल में भेज दिया। सात साल की पूजा कुछ समझ नहीं पाई। इस बीच जोसेफ को 2016 में संतान प्राप्ति हुई। इसके बाद उसने पूजा के साथ सौतेले बच्चे जैसा व्यवहार शुरु कर दिया।
इसी दौरान जोसेफ को अपने बच्चे की देखरेख के लिए किसी एक व्यक्ति की जरूरत महसूस हुई। वो आमदनी बढ़ाने की कोशिश में भी था। लिहाजा उसने पूजा को कर्नाटक के हॉस्टल से वापस बुलाया और बेबी सिटिंग के काम पर लगा दिया।
जोसेफ का व्यवहार पूजा के प्रति अच्छा नहीं था। अक्सर वो खरीखोटी सुनाता और इसी बीच शराब के नशे में अक्सर वो पूजा से कहता कि उसे वो कहीं से उठा लाया था। पूजा को पता चल चुका था कि वो जोसेफ और सोनी की संतान नहीं है। उसने अपनी तलाश खुद ही शुरु कर दी। इस काम में बेबी सिटिंग सेंटर में काम करने वाली उसकी एक दोस्त ने मदद की। दोनों ने गूगल पर पूजा नाम की लड़की के लापता होनी की खबरें तलाशनी शुरु कीं। इसी बीच उन्हें गूगल पर एक पुराना आर्टिकल मिला। इस आर्टिकल में पूजा की उस वक्त की तस्वीर लगी थी और गुमशुदगी का पोस्टर बना था।
गूगल पर मिले इस आर्टिकल और उसमें लगी तस्वीर को देख पूजा को सब याद आ गया। उसे पता चल चुका था कि वो अगवा की गई थी। उसने आर्टिकल पर लिखे पांच नंबरों पर संपर्क शुरु किया। चार नंबर बंद मिले लेकिन पांचवा नंबर चालू हालत में मिला। बात करने पर पता चला कि ये नंबर पूजा के पड़ोसी रफीक का निकला।
पूजा ने बेबी सिटिंग सेंटर में काम करने वाली अपनी दोस्त की मदद से रफीक को फोन मिलाया। पहले तो रफीक को यकीन नहीं हुआ। उसे लगा कोई झूठ बोल रहा है। सबूत के तौर पर रफीक ने पूजा की तस्वीर मांगी। पूजा की दोस्त ने रफीक को वीडियो कॉल की। इस वीडियो कॉल से स्क्रीन शॉट लेकर रफीक पूजा के घर वालों के पास पहुंचे। स्क्रीन शॉट देखते ही पूजा की मां ने उसे पहचान लिया। पता चला कि पूजा जहां डिसूजा के साथ रह रही थी वो उसके अपने घर से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर है।
इसके बाद पूजा को अपने घर वालों से मिलना आसान नहीं था क्योंकि डिसूजा को पता चलता तो उसे नुकसान पहुंचा सकता था। इसी बीच पूजा के घर वालों ने पुलिस को बताया। उधर पूजा बेबी सिटिंग सेंटर पर काम करने पहुंची। वहीं से काम का बहाना बनाकर वो नीचे आई और पुलिस उसे अपने साथ लेकर गई। पुलिस ने पूजा का मेडिकल कराया और इसी बीच डिसूजा के खिलाफ, मानव तस्करी, गैर-कानूनी मजदूरी कराने समेत कई सेक्शंस में मामला दर्ज किया। पुलिस ने डिसूजा को अरेस्ट कर लिया। हालांकि उसकी पत्नी को अभी नहीं अरेस्ट किया क्योंकि उनके छोटे बच्चे की देखरेख के लिए कोई नहीं है।