टिहरी जिले के चंबा ब्लॉक के अंतर्गत बीड़ गांव निवासी शहीद नायक गिरीश चंद जम्मू कश्मीर में 1993 में हुए ऑपरेशन रक्षक में शहीद हो गए थे। शहीद होने के बाद सरकार के द्वारा शहीद के परिजनों के साथ वादा किया गया था कि शहीद के परिवार को सरकार जमीन देगी। इनके गांव बीड़ के प्राथमिक विद्यालय का नाम शहीद के नाम से रखा जाएगा। लेकिन, 1993 से लेकर आज तक शहीद गिरीश चंद ममगाई के परिजनों के साथ किये गए वादे आज भी पूरे नहीं हुए हैं।
शहीद गिरीश चंद के परिजनों ने नाराज होकर उत्तराखंड में बन रहे पांचवें धाम सैनिक धाम के लिए मिट्टी नहीं दी। हद तो तब हो गई जब कल चंबा में सैनिक सम्मान समारोह कार्यक्रम किया गया और उसमें शहीद गिरीश चंद ममगांई आर दिनेश दत्त बहगुणा का नाम तक नहीं लिया गया। शहीद के परिजनों ने आयोजकों के प्रति नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि तब तक सैन्य धाम को बनाने के लिए मिट्टी नहीं देंगे, जब तक वादे के अनुसार मांगे पूरी नहीं की जाती हैं।
टिहरी जिले के खेमड़ा गांव निवासी आशीष ने कल चम्बा में हुए सैनिक सम्मान समारोह के आयोजनकर्ताओं पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कारगिल में उनके चाचा दिनेश दत्त बहुगुणा शहीद हो गए थे। सरकार ने घोषणा की थी कि शहीद दिनेश दत्त बहगुणा के नाम से उनके गांव तक सड़क बनाई जाएगी। लेकिन, आज तक इनके गांव में सड़क नहीं बनी।
दिनेश दत्त बहगुणा के परिजनों ने भी सैनिक धाम के लिए मिट्टी नहीं थी और कल चंबा में हुए सैनिक सम्मान समारोह में दिनेश दत्त बहगुणा का भी नाम नहीं लिया गया। शहीद सैनिक के परिजनों ने आरोप लगाया कि शहीदों के नाम पर वोट की राजनीति हो रही है। शहीदों को सम्मान देने के बजाय उनका अपमान किया जा रहा है। सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारी कर्नल जीएस चंद का कहना है कि हम मिट्टी लेने घर पर गए थे। लेकिन, उन्होंने मिट्टी देने से मना कर दिया। कल के कार्यक्रम में हमने समझा कि यह नाराज हैं, इसलिए उनको नहीं बुलाया गया।