हल्दूचौड़।
प्रकृति 5 रूप में अभिव्यक्त होती है राधा,दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, और सावित्री
मां ने गंगा के रूप में पृथ्वी में आकर जीव मात्र का कल्याण किया,
वही आदिशक्ति मनसा देवी, षष्ठी देवी, स्वाहा देवी, स्वधा देवी तथा और भी अनेक को रूप धारण कर भक्तों का कल्याण करती है।
सावित्री देवी ने यमराज से अपने अपने पति को पुनः जीवित कराया महिलाओं के लिए पातिव्रत धर्म का पालन ही तपस्या है
उक्त बातें आज शिवपुरी कॉलोनी बमेटाबंगर खीमा हल्दूचौड़ स्तिथ श्रीनागेश्वर महादेव मंदिर में चल रही श्रीदेवी भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा के आठवें दिन कथा वाचक श्रध्येय डॉक्टर मनोज चंद्र पांडे ने कही।। उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र का जाप प्रतिदिन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंसान के कर्म अच्छे होने चाहिए, जिससे पुण्य प्रताप मिलता है। उन्होंने तुलसी की महत्ता बताई व सावित्री सत्यवान के प्रसंग भी सुनाए।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विद्यायक डॉक्टर मोहन सिंह बिष्ट, पूर्व केबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल, जिला पंचायत सदस्य कमलेश चंदोला, ग्राम प्रधान हरेन्द्र असगोला, मंदिर समिति संरक्षक नारायण सिंह बिष्ट, अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह बिष्ट , उपाध्यक्ष भूपेश कुमार जोशी, सचिव किशन सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष हरीश चंद्र पांडे, लेखाकार राजकुमार सिंह बिष्ट, बहादुर सिंह करायत, भगवत सिंह बिष्ट, भूपाल सिंह बिष्ट,
जीवन सिंह मेहरा, गणेश धारियाल, विपिन पंत, सुरेश पंत, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य सुनीता बिष्ट, बच्ची सिंह रावत, आनंद सिंह राणा, ईश्वर नेगी, हुकुम सिंह अधिकारी, नंदा बल्लभ भट्ट, रमेश चंद्र जोशी, प्रेम प्रकाश सिंह बिष्ट, कैप्टन खड़क सिंह राठौर, जितेंद्र सिंह बोरा, दिनेश सिंह बोरा, पंडित कैलाश चन्द्र जोशी, सुशील तिवारी, राधा बल्लभ भट्ट, पीताम्बर दत्त पांडे, कैलाश तिवारी, गिरीश चंद्र जोशी, महेश चंद्र जोशी, जोधा सिंह नेगी, पीताम्बर दत्त कोठारी, कैप्टन सतवाल, दीपक राठौर, विन्द्येश्वरी जोशी, सुबोध दीक्षित, पंडित हरीश चंद्र बेलवाल, पंडित कैलाश चन्द्र जोशी, मुन्ना लाल, अरविंद नोलिया, बीके जोशी, कमल बिष्ट, सुंदर सिंह कुंवर, पीताम्बर दुम्का, नंदा बल्लभ सनवाल, चंद्रशेखर तिवारी, चन्द्री दत्त जोशी, संत लाल गुप्ता, भुवन बमेटा, एसएस लोहनी, विनेश कुमार शर्मा, दिगर सिंह देव, बच्चीराम नोलिया, भास्कर भट्ट, महेश पंत, बहादुर सिंह बिष्ट, वीरेंद्र सिंह नेगी, सतीश जोशी, कन्नू दुम्का, धीरेंद्र सिंह नेगी, प्रकाश तिवारी, सहित तमाम श्रद्धालु लोग उपस्तिथ थे।
इधर रविवार की शाम चली भजन संध्या में वॉइस ऑफ उत्तराखंड आयुषी तिवारी ने अपनी सुधामय मनमोहक गीतों से सभी का मनमोह लिया। इस दौरान उन्होंने माता के भजनों से आध्यात्मिक माहौल बना दिया और उनके गीतों की थाप में सभी झूमने में मजबूर हो गए। इस दौरान आयुषी तिवारी को क्षेत्र की जनता ने पूरे उत्साह के साथ परितोषित करते हुए सम्मानित किया।