*तो क्या सुविधाओं की दृष्टि से दिल्ली में बनाया जाय हाईकोर्ट?*
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने कहा है कि हमारे शासकों को जिन सुविधाओं की दरकार है उसके लिए उचित यही है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अथवा दिल्ली में स्थापित करना चाहिए। यदि उत्तराखंड राज्य की अवधारणा, हिमालय की सुरक्षा, संवेदनशीलता व पर्यावरण व यहां के समाज की चिंता है तो पहाड़ों में गैरसैंण जैसे क्षेत्रों में स्थाई राजधानी, उच्च न्यायालय की स्थापना पर विचार करना चाहिए।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा उत्तराखंड राज्य बनने के 24 वर्षों बाद स्थाई राजधानी के साथ उत्तराखंड उच्च न्यायालय को लेकर जो उहापोह की स्थिति है उसके लिए यहां की सरकारों के साथ, राष्ट्रीय दलों की जन विरोधी सोच जिम्मेदार है जो एक ओर तो बिना स्थाई राजधानी की घोषणा किए देहरादून में अरबों रुपए खर्च कर गैर कानूनी राजधानी चला रहे हैं वहीं अपनी सीमित और अदूरदर्शी सोच के कारण हिमालय व उसके समाज की तबाही का सामान जुटा रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
उपपा अध्यक्ष ने कहा इस मामले के सभी हित बद्ध समूहों से उत्तराखंड राज्य आंदोलन की भावनाओं, उसके समृद्ध इतिहास व बेहतर भविष्य के लिए इस पूरे सवाल पर समग्र व व्यापक दृष्टि से विचार कर फैसला लेना चाहिए ताकि हम किसी ऐतिहासिक गलती से बच सकें व भविष्य में इतिहास हमारी पीढ़ी को खलनायक की तरह नहीं नायक की तरह याद किया जाए।