जायड्स कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन नेता अनीता अन्ना ने कहा कि जायड्स वैलनेस कंपनी का मालिक कंपनी को अवैध तरीके से बंद करके जा चुका है लेकिन सरकार व श्रम विभाग अभी भी उसके दबाव में काम कर रहे हैं भाजपा सरकार व श्रम विभाग अवैधानिक बंदी के कारण पीड़ित मजदूरों को न्याय नहीं दिला पा रही है।
इस दौरान ट्रेड यूनियन (एक्टू )AICCTU के प्रदेश महामंत्री के.के. बोरा ने कहा कि भाजपा सरकार में मजदूरों का शोषण पर है शोषण की और बढ़ाने और पूंजीपतियों की मनमानी के लिए केंद्र का मजदूर पक्षी 44 श्रम कानून को खत्म करने और मजदूर विरोधी 4 नए लेबर कोर्ड बनाने की और बढ़ गई है ।4 नए श्रम कोड लागू होने के बाद मजदूरों को न्याय के रास्ते बंद हो जाएंगे कंपनी के मालिक ने अभी तरीके से कंपनी बंद कर दी जिसमें जिससे 1200 मजदूर बेरोजगार हो गए ।सालों से कम कर रहे ठेका मजदूर अवैध बंदी के कारण मुआवजा पाने के अधिकारी हैं।लेकिन सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में खड़ी है और कोई सुध लेने को लिए तैयार नहीं है।
इस दौरान यूनियन के संयोजक नरेंद्र सिंह ने कहा कि यूनियन के संघर्ष के बाद IR वार्ता के दौरान ज़ाइडस वैलनेस मैनेजमेंट व ठेकेदार द्वारा मजदूरों को ग्रेच्युटी का लाभ प्राप्त हुआ जिसे कुछ श्रमिकों को ठेकेदार ने ग्रच्युटी चैक के माध्यम से दिया परन्तु श्रमिकों के चैक बाउंस हो रहे हैं और श्रमिक परेशान है। इस पर श्रमिक पक्ष जल्द ही इस पर एक्शन लेंगे!
जायड्स के कांट्रेक्ट वर्करों का संघर्ष अवैध बंदी का है सभी श्रमिक लड़ाईं जारी रखेंगे।
इस दौरान ज्योति चंद, आशिक अंसारी, खीमा पंत, किरन , संजीव कुमार,जफर, लक्खा सिंह, मनोज रस्तोगी, अशोक सिंह, रोहित गौतम, लक्ष्मण सिंह, राजवीर सिंह, रवि सिंह राना, जयपाल, नारायण देवनाथ, लालन मृधा, प्रद्युम्म, गणेश सिंह, जयदेव, धर्मानंद जोशी, पंकज सिंह, विपिन सिंह, हरिओम भारती, लाल मनोहर, पारस, नंदकिशोर, श्याम सुंदर,कन्हैयालाल ,लाल सिंह, रेशमा अहमद, काशीराम, मोहम्मद शाहिल, त्रिवेणी शंकर व अन्य श्रमिक साथी उपस्थिति थे।
अनीता अन्ना ।