उत्तराखंड में छात्र संघ चुनाव का मुद्दा अब राज्य की राजनीति और शिक्षा प्रणाली में गंभीर विवाद का रूप ले चुका है। 30 सितंबर तक आयोजित होने वाले छात्र संघ चुनाव, समय पर न होने की वजह से छात्रों के बीच आक्रोश फैल गया है और वे धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, राज्य सरकार और विश्वविद्यालयों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो गया है, जिससे मामले की जटिलता और बढ़ गई है।
सरकार जहां विश्वविद्यालयों को चुनाव न कराने के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है, वहीं विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों ने किसी भी लापरवाही से इंकार किया है। कुमाऊं विश्वविद्यालय, सोवरन सिंह जीना विश्वविद्यालय, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय और दून विश्वविद्यालय के कुलसचिवों को उच्च शिक्षा विभाग ने नोटिस भेजे थे, लेकिन इन विश्वविद्यालयों ने जवाब में कहा है कि शैक्षणिक कैलेंडर में 13 अक्टूबर के बाद भी प्रवेश प्रक्रिया चल रही थी, और इसी वजह से चुनाव समय पर नहीं कराए जा सके।
इसके अलावा, विश्वविद्यालयों का कहना है कि पिछले साल सरकार के निर्देश पर एक दिन में राज्यभर में चुनाव की तारीख तय की गई थी, लेकिन इस साल शासन स्तर पर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश न मिलने के कारण भी चुनाव स्थगित हुए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए उच्च शिक्षा सचिव को नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, उच्च निदेशक शिक्षा ने भी इस मुद्दे पर विश्वविद्यालयों को दोषी ठहराया और कहा कि चुनाव विश्वविद्यालय स्तर पर होने थे, जबकि निदेशालय का काम सिर्फ कार्यक्रम से कॉलेजों को अवगत कराना और प्रक्रिया को पूरा करना था। उच्च शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव तिथि तय करना निदेशालय का काम नहीं था।
इस बीच, छात्र संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और चुनाव न होने को लेकर सरकार से जवाब मांग रहे हैं। अल्मोड़ा और अन्य जिलों में छात्रों का आक्रोश सड़कों पर देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि चुनावों में देरी छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन है और इससे उनकी आवाज़ को दबाया जा रहा है।
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा है कि राज्य सरकार पिछले 6 वर्षों से एक ही दिन राज्यभर में छात्र संघ चुनाव आयोजित कराती आ रही है, लेकिन इस वर्ष चुनाव न कराए जाने के लिए विश्वविद्यालयों की लापरवाही जिम्मेदार है। मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार हमेशा छात्रों के साथ खड़ी है और चुनाव कराना सरकार की प्राथमिकता है।