हरिद्वार। मैं बीमारी से तंग आ गया हूं। इसलिए अब जीने की इच्छा खत्म हो गई है। मैं गंगनहर में कूदकर आत्महत्या कर रहा हूं।’ कैंसर बीमारी से जूझ रहे एक बैंककर्मी ने सुसाइड नोट छोड़कर गंगनहर में छलांग लगा दी। परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो कोहराम मच गया। परिजनों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जल पुलिस की मदद से बैंककर्मी की गंगनहर में तलाश की। लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया।
पुलिस के अनुसार, अनुराग निवासी आकाशदीप एन्क्लेव कॉलोनी, मंगलौर एक सरकारी बैंक में नौकरी करते थे। पिछले करीब दो साल से वह कैंसर से पीड़ित थे। उनका एक अस्पताल में उपचार चल रहा था। वहीं, बताया जा रहा है कि शनिवार की शाम वह घर से निकले थे। इसके बाद वह घर नहीं लौटे।
परिजनों ने उनकी तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। रविवार की सुबह परिजनों के पास एक नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने बताया कि वह तांशीपुर गांव के पास प्रचानी शिव मंदिर से बात कर रहे हैं। मंदिर में उन्हें एक सुसाइड नोट मिला है और मोबाइल नंबर लिखी एक पर्ची मिली है। पर्ची से नंबर लेकर ही उन्होंने कॉल की है।
सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और जानकारी ली। साथ ही सुसाइड नोट पढ़ा। सुसाइड नोट पढ़कर परिजनों के होश उड़ गए। बैंककर्मी के एक रिश्तेदार ने बताया कि सुसाइड नोट में ‘मैं कैंसर बीमारी से बहुत परेशान हो चुका हूं और अब जीने की इच्छा खत्म हो गई है। इसलिए मैं गंगनहर में कूदकर आत्महत्या कर रहा हूं।
आत्महत्या करने से पहले मैंने मंदिर में पांच सौ रुपये चढ़ाए हैं और एक पर्ची पर घर के मोबाइल नंबर भी लिखे हैं।’ जैसी कई बातें लिखी थीं। वहीं, परिजनों ने सूचना पुलिस को दी। कोतवाली प्रभारी अमरचंद शर्मा ने बताया कि जल पुलिस से बैंककर्मी की गंगनहर में तलाश कराई गई है। लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया है। रविवार की सुबह पुलिस और परिजनों ने गंगनहर किनारे नहाने वाले कुछ बच्चों से किसी के गंगनहर में कूदने के बारे में जानकारी ली। इस बीच बच्चों ने बताया कि शनिवार की शाम उन्होंने एक अंकल को आसफनगर पुल पर खड़ा देखा था। कुछ देर बाद वह अचानक पुल से गायब हो गए। ऐसे में पुलिस आशंका जता रही है कि वह अनुराग ही हो सकते हैं।