उत्तराखंड में लगभग हर जिले में गुलदार का खौफ बरकरार है. आए दिन गुलदार के आतंक की खबर सामने आ रही है. इस बीच पिथौरागढ़ जिले से एक राहत भरी खबर है. काफी दिनों से आतंक का पर्याय बन चुका गुलदार अब पिंजरे में कैद हो गया है. बता दें की बीते रविवार पिथौरागढ़ जिले के बजेटी क्षेत्र में एक हादसा हुआ था. जिसको सुनकर सभी के होश उड़ गए थे. पिथौरागढ़ में एक 8 साल की मासूम बच्ची को गुलदार ने अपना निवाला बना लिया था. उसके बाद से ही ग्रामीणों के बीच में खौफ पसर गया था. बता दें कि गुलदार बच्ची को उसके परिजनों की आंखों के सामने से ही आंगन से उठाकर जंगल की ओर ले गया और वहां पर बच्ची को मौत के घाट उतार दिया.
काफी खोजबीन के बाद मासूम बच्ची का क्षत-विक्षत शव सोमवार सुबह घर के पास की झाड़ियों से बरामद हुआ. घटना से मासूम बच्ची के परिवार में कोहराम मचा हुआ है. वहीं पूरे क्षेत्र में भी शोक की लहर है. घटना से डरे-सहमे ग्रामीणों ने वन विभाग से आदमखोर गुलदार को पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिंजरे लगाने की मांग की थी. हादसे के बाद से ही ग्रामीणों के बीच में वन विभाग के प्रति आक्रोश साफ तौर पर झलक रहा था.क्षेत्रवासियों का कहना है कि पिछले कई दिनों से गुलदार इस इलाके में दस्तक दे रहा था. बीती रात गुलदार क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरे में कैद भी हुआ था, जिसके बाद क्षेत्रवासियों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी थी लेकिन वन विभाग ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया. जिसका परिणाम यह हुआ कि गुलदार ने एक 8 साल की मासूम बच्ची को अपना निवाला बना लिया.
मासूम मानसी की मौत को जिलाधिकारी आशीष चौहान ने गंभीरता से लेते हुए सोमवार देर रात तक वन विभाग, नगर पालिका, कृषि विभाग समेत तमाम विभागों के अफसरों की बैठक ली, डीएम की सख्ती के देख अफसर सक्रिय हुए और जिस गुलदार ने 8 वर्ष की मासूम को अपना शिकार बनाया था उस गुलदार को वन विभाग की टीम ने पिंजरे में कैद कर लिया है. गुलदार के पिंजरे में कैद होने की खबर से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. गुलदार के कैद होने के साथ ही लोगों का डर भी खत्म हो गया है. अब वो बिना डरे घरों से बाहर निकल सकेंगे. रोजमर्रा के काम कर सकेंगे.