बहादुर थे शहीद ले. कमांडर अनंत कुकरेती, 2017 में की थी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल

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देहरादून : बीते दिनों त्रिशूल चोटी को फतह करने निकला दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया था जिसमे चार जवानों के पार्थिव शरीर बरामद किए गए। इनमे मूल रुप से पौड़ी गढ़वाल निवासी शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती भी शामिल थे। बीते दिन रविवार को उनका पार्थिव शरीर जोगीवाला, नत्थनपुर स्थित गंगोत्री विहार पहुंचा। बेटे की पार्थिव देह देख सबकी चीख पुकार मच गई। शहीद को 3 महीने पहले ही शादी हुई थी। उनकी पत्नी राधा एसबीआई बैंक में अफसर हैं।

वर्तमान में गोवा में नौसेना में सेवाएं दे रहे नत्थनपुर निवासी विजेंद्र सिंह ने अनंत के साहस का जिक्र करते हुए कहा कि अनंत बचपन से ही साहसिक गतिविधि के शौकीन थे। वह अक्सर दोस्त और भाइयों के साथ ट्रैक पर जाते थे। साल 2017 में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली टीम में शामिल रहे नौसेना अधिकारी विजेंद्र सिंह ने बताया कि अनंत की टीम ही सबसे पहले चोटी पर पहुंची और तिरंगा फहराया। बताया कि साल 2017 में अनंत और वह 24 लोग की टीम के साथ एवरेस्ट फतह करने गए थे। बेस कैंप से चोटी पर एक महीने में ही पहुंच गए। चढ़ाई के दौरान अनंत सबसे आगे थे, इस बीच छोटी-मोटी दुर्घटना भी हुई, लेकिन उन्होंने पूरी टीम को मजबूती दी।
शहीद अनंत के चचेरे भाई ने बताया कि 2015 में भाई के साथ लद्दाख घूमने गए थे। अन्य दोस्तों ने बताया कि जब भी छुट्टी आते तो आसपास कहीं न कहीं ट्रैक पर जरूर जाते। अनंत आखिरी दफा पांच महीने पहले अपनी शादी के लिए ही घर आए थे, दुर्घटना वाले दिन ही उनकी शादी को पांच महीने पूरे हुए थे।

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