नैनीताल।
कोविड के चलते चार धाम यात्रा पर लगायी गयी रोक हाईकोर्ट ने हटा दी है। कुछ शर्तों के साथ यात्रा शुरु करने की अनुमति दी गई है। हाईकोर्ट के फैसले से सरकार को बड़ी राहत मिली है। साथ ही यात्रा व्यवसायियों व तीर्थ पुरोहितों समेत उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के निवासियों की आजीविका पटरी पर लौटने की उम्मीद जगी है। गुरुवार को उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चैहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सरकार की ओर से यात्रा पर लगी रोक हटाने को दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, मुख्य स्थाई अधिवक्ता सीएस रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए स्थानीय लोगों की आजीविका, कोविड नियंत्रण में होने, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, एसओपी का कड़ाई से पालन आदि के आधार पर रोक हटाने की मांग की। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट का भी जिक्र किया। महाधिवक्ता का कहना था कि चारधाम यात्रा का अर्निंग पीरियड है। कोविड के मामलों में बढ़ोतरी, स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी व अन्य अव्यवस्थाओं से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जून में चारधाम यात्रा पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी थी। इस आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी। हाल ही में महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व सीएससी चंद्रशेखर रावत ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चैहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से मौखिक रूप से यात्रा पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया तो सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी विचाराधीन होने का हवाला देते हुए कोर्ट ने विचार करने से इन्कार कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली थी। पिछले दिनों हाई कोर्ट को सरकार ने इस बारे में जानकारी दी तो कोर्ट ने 15-16 सितंबर की तिथि नियत कर दी थी। याचिककर्ता अनु पंत, रविन्द्र जुगरान, डीके जोशी के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि चारधाम यात्रा खोले जाने पर सभी पक्षकारों की सहमति है। अगर सरकार स्वास्थ्य ढांचे से सम्बंधित चाक-चैबन्द तैयारियां पहले ही उच्च न्यायालय को अवगत करा देती तो यात्रा पर रोक की नौबत नहीं आती। बता दें राज्य में चार धाम यात्रा शुरु करने के लिए सरकार पर खासा दबाव था। राज्य में चार धाम यात्रा पिछले काफी समय से बंद चल रही है। कोविड के चलते सरकार ने यात्रा स्थगित कर दी थी। राज्य में चार धाम यात्रा बंद होने से पर्यटन कारोबार के साथ ही इससे जुड़े कई अन्य कारोबारों को भी खासा नुकसान पहुंचा। इस मसले में राजनीति भी शुरु हो गई थी। कांग्रेस लगातार सरकार पर कमजोर पैरवी का आरोप लगा रही थी। कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर बड़ा धरना भी दिया था। अब यात्रा शुरू होने की अनुमति मिलने से सरकार को बड़ी राहत मिली है।
चार धाम यात्रा पर रोक हटी।
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