हल्द्वानी। शहर के निजीअस्पताल में न्यूरोसर्जन की ओर से किए गए आपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ने का मामला न्यायालय में चल रहा है। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए जांच महानिदेशक स्वास्थ्य के स्तर पर विशेषज्ञ कमेटी से कराने के आदेश दिए हैं। मामला मार्च, 2021 का है। तब वादी के अधिवक्ता प्रदीप लोहनी की ओर से कहा गया था कि उनके मुवक्किल भूपाल सिंह बनकोटी का आपरेशन किया गया था। न्यूरोसर्जन डा. पुनीत गोयल ने कहा कि वह आपरेशन में कुशल हैं और मरीज ठीक हो जाएगा लेकिन मरीज अपंग हो गया। मरीज के बाएं पैर ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद भी दावा किया गया कि ठीक हो जाएगा, लेकिन स्थिति खराब हो गई। इस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम ने सीएमओ को जांच कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट तैयार हुई। इसके बाद अधिवक्ता ने फिर मामले को कोर्ट में रखा और सीएमओ की ओर से गठित जांच कमेटी में न्यूरोसर्जन न होने का हवाला दिया। दोबारा जांच हुई। इस जांच रिपोर्ट में न्यूरोसर्जन की गलती नहीं पाई गई। इसके बाद अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र देकर इस जांच रिपोर्ट को चुनौती दी, लेकिन प्रार्थना पत्र खारिज हो गया। इसके बाद अधिवक्ता आंचल कोर्ट के आदेश के रिविजन में गई। कोर्ट ने सभी बिंदुओं को देखते हुए द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीलम रात्रा ने आदेश दिया है कि महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड की ओर से विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित की जाए। इस संबंध में विपक्षीगण से संपर्क न किया जाए। साथ ही मामले में प्रस्तुत मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल की ओर से गठित चिकित्सकों की कमेटी की आख्या भी प्रेषित न की जाए।
हल्द्वानी के निजी चिकित्सालय में आपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ने की जांच डीजी हेल्थ स्तर की विशेष कमेटी से करने के कोर्ट ने दिए आदेश
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