सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व देने वाली गोला नदी के साथ जुड़े हुए स्थानीय कारोबारी पिछले 2 महीने से आंदोलनरत है सरकार का कोई नहीं है ध्यान

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गौला खनन संघर्ष समिति की नजर 16 तारीख के होने वाले कैबिनेट बैठक में है और उसी दिन माननीय उच्च न्यायालय का भी फैसला एक राज्य एक रौल्टी के संबंध में आने वाला है। इधर गौला खनन संघर्ष समिति ने उसके बाद अगर निराशाजनक निर्णय आता है तो एक बहुत बड़े आंदोलन लड़ने के लिए कमर कस ली है।

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आज बेरीपडाव गेट के प्रभारी लक्ष्मण पाण्डे ,नवीन जोशी ने अपने गेट का संगठन का विस्तार किया जिसमें प्रधान शंकर जोशी एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य सुरेंद्र सिंह मलवाल को संरक्षक जीवन सिंह बोरा को अध्यक्ष राकेश जोशी वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित भट्ट ,पूर्व प्रधान इन्द्र लाल, प्रदीप कुमार उपाध्यक्ष गणेश बिरखानी महामंत्री, भगवान शर्मा सचिव, राधेश्याम जोशी कोषाध्यक्ष ,लक्ष्मी दत्त जोशी उपसचिव, नवीन चंद्र जोशी उप कोषाध्यक्ष ,कैलाश पांडे मीडिया प्रभारी मनोज पांडे उपमीडिया प्रभारी, एवं लक्ष्मण कपकोटी, भुवन चंद्र ,राजेंद्र सिंह बिष्ट, ललित जोशी ,मोहनचंद जोशी, संतोष गरवाल ,हरेंद्र सिंह लटवाल, आनंद बल्लभ पाठक, मोहन पलडिया को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया। बैठक में गौला खनन संघर्ष समिति के संयोजक रमेश चंद्र जोशी, हेम चंद्र दुर्गापाल, इंदर सिंह नयाल, राजू चौबे ,कैलाश भट्ट ,सुरेश जोशी, शेखर कंडवाल आदि वाहन स्वामी मौजूद थे।

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