सरोवर नगरी में पीक सीजन होता है तो गाड़ियों की वजह से आवाजाही बड़ी प्रभावित होती है। जाम के कारण लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। इस दुविधा से निपटने के लिए तीन साल पहले तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रानीबाग नैनीताल रोपवे प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। अब हाईकोर्ट ने भी इस प्रोजेक्ट को जरूरी माना है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने अक्टूबर 2018 में इसका डिजाइन भी तैयार किया तब प्रोजेक्ट की लागत करीब 500 से 550 करोड़ के करीब आंकी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार इस प्रोजेक्ट के निर्माण के बाद एक लाख दस हजार वाहनों की नैनीताल में एंट्री रुक जाएगी। अब इस प्रोजेक्ट को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने भी एक अहम टिप्पणी की है।
नैनीताल हाईकोर्ट का कहना है कि उत्तराखंड सरकार को रानीबाग नैनीताल रोपवे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना चाहिए। माना जा रहा है कि प्रॉपर प्रोजेक्ट को नए सिरे से शुरू किया जाएगा। एनएचएआई के अधिवक्ता नरेश पंत ने बताया कि दुनिया की सबसे टॉप व दक्ष विदेशी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। जो कि नई डीपीआर तैयार करेगी और उस हिसाब से रिपोर्ट पर काम किया जाएगा।