उत्तराखंड के जागेश्वर धाम में मास्टर प्लान की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मास्टर प्लान के तहत जागेश्वर मंदिर समूह के आसपास के इलाके में स्थित भवनों और अन्य प्रकार के ढांचों के री जनरेशन यानी पुनरूद्धार के कार्य भी कराए जाएंगे।
देहरादून की ग्लोबल टेक्नोलॉजी को टॉपोग्राफी यानी स्थलाकृतिक सर्वेक्षण की कमान सौंपी गई है। सर्वेयर अकरम खान के नेतृत्व में जागेश्वर धाम पहुंचकर टीम ने टॉपोग्राफिकल सर्वे शुरू कर दिया है। इसके तहत जागेश्वर बाजार स्थित घर, दुकानों, होटलों, रास्तों, सड़क, नाले आदि समस्त ढांचों का सर्वे किया जा रहा है। उसके बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी। सर्वेयर अकरम खान ने बताया कि चार या पांच दिन में सर्वे का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
ये है टॉपोग्राफिकल सर्वे
स्थलाकृतिक सर्वेक्षण के तहत भूमि की प्राकृतिक और मानव निर्मित विशेषताओं के साथ-साथ उसके इलाके के बारे में डेटा एकत्र किया जाता है। इस सर्वे के माध्यम से इमारतें, बाड़, पेड़ और धाराएं, रास्ते जैसी स्थायी विशेषताएं जमीन और उसकी सीमाओं को सटीक रूप से परिभाषित किया जाता है। इसमें भूमि की रूपरेखा और स्थान का स्तर इलाके की ऊंचाई को दर्शाता है।
पूरे इलाके का होना है कायाकल्प
सीएम पुष्कर सिंह धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल जागेश्वर धाम के मास्टर प्लान के तहत इस पूरे इलाके का कायाकल्प किया जाना है। पहले फेज में मंदिर परिसर में लाइटिंग,इलुमिनेशन, प्लाजा निर्माण समेत तमाम कार्य होने हैं। दूसरे फेज में बाजार क्षेत्र में स्थित ढांचों के री जनरेशन का कार्य होगा।