आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा ’’विधिक सेवा सप्ताह’’ उत्सव का आयोजन

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आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा ’’विधिक सेवा सप्ताह’’ उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। एडीआर केन्द्र उच्च न्यायालय परिसर में प्रेसवार्ता के दौरान यह जानकारी देते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन एवं विशेष कार्यकारी अधिकारी सैयद गुफरान ने बताया कि केन्द्रीय सरकार एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार में दिनांक 02 अक्टूबर, 2021 से दिनांक 14 नवम्बर, 2021 तक’’ आजादी का अमृत महोत्सव’’ व ’’विधिक सेवा सप्ताह’’ का उत्सव मनाया जाना है। जिसका शुभारम्भ दिनांक 02 अक्टूबर, 2021 को राष्ट्रीय स्तर पर माननीय राष्ट्रपति महोदय, भारत सरकार के द्वारा माननीय मुख्य न्यायमुर्ति, सर्वोच्च न्यायालय भारत सरकार, माननीय न्याय एवं विधि मंत्री, भारत सरकार, माननीय न्यायमूर्ति श्री यू0यू0 ललित, वरिष्ठ न्यायमूर्ति, सर्वोच्च न्यायालय/ कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली की गरिमामयी उपस्थिति में किया जायेगा।
उपरोक्त के परिपेक्ष्य में उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य-सचिव/जिला जज श्री आर0के0 खुल्बे से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री सैयद ने बताया कि कार्यक्रम हेतु एक विस्तृत रूप रेखा तैयार की गयी है। जिसके अनुसार उत्तराखण्ड राज्य के सम्पूर्ण जनपदों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के तत्वाधान में दिनांक 02 अक्टूबर, 2021 को प्रातः प्रत्येक जनपद स्तर तथा तहसील स्तर पर ’’विधिक सेवा जागरूकता प्रभात फेरी’’ निकाली जायेगी।
सिविल जज एवं विशेष कार्यकारी अधिकारी सैयद गुफरान ने प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए यह भी बताया गया कि दिनांक 02 अक्टूबर , 2021 को उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा गढ़वाल व कुमाऊँ मण्डल के जनपदों हेतु दो ’’विधिक सेवा रथों’’ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया जायेगा। उक्त विधिक सेवा रथों के माध्यम से उत्तराखण्ड राज्य के ग्रामीण व दूरस्थ इलाकों में विधिक जागरूकता एवं साक्षरता कार्यक्रमों का आयोजन कर, आमजन को लाभान्वित किया जायेगा। साथ ही दिनांक 02 अक्टूबर, 2021 से दिनांक 14 नवम्बर, 2021 तक प्रत्येक दिवस प्रत्येक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा अपने-अपने जनपद के ग्रामीण, तहसील एवं जिला स्तर पर विभिन्न विधिक जागरूकता एवं साक्षरता सम्बन्धी सेमीनार तथा वेबीनार का आयोजन, विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन, जरूरतमंद व्यक्तियों को निःशुल्क कानूनी सलाह एवं सहायता उपलब्ध कराना, स्कूलों एवं कालेजों में विधिक कार्यक्रम का आयोजन, चित्रकला एवं निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन, टी0वी0 एवं रेडियों में विधिक साक्षरता कार्यक्रमों का आयोजन, कारागारों में निरूद्व बन्दियों हेतु जागरूकता कार्यक्रम, विभिन्न शासकीय एवं गैर-शासकीय संप्रेक्षण गृहों का निरीक्षण, आदि क्रियाकलाप सम्पादित किये जायेंगे। जिसके लिए प्रत्येक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अपने जनपद हेतु न्यायिक अधिकारी, पैनल अधिवक्ता एवं पराविधिक कार्यकर्ता की टीम गठित की गयी है।

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इसके अतिरिक्त उपरोक्त कार्यक्रम को सफल बनाये जाने हेतु राज्य सरकार एवं राज्य सरकार के अधीनस्थ समस्त जनकल्याणकारी एवं चिकित्सा सुविधा से जुड़े हुए समस्त विभागों के साथ ही पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन, शिक्षा विभा, सूचना विभाग, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एन0सी0सी0/एन0एस0एस0 कार्यकर्ता, विधि के छात्रों एवं अन्य हितधारकों सहयोग लिया जायेगा।

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