उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के एसीजेएम कोर्ट में एक महिला वकील की लोगों की लापरवाही के कारण जान चली गई। अगर समय रहते लोगों ने उस महिला वकील पर ध्यान दिया होता तो शायद उसकी जान बच जाती।
देहरादून में एक वकील की सहायक की एसीजेएम कोर्ट से बाहर निकलते ही उसकी मौत हो गइ। बताया जा रहा है कि वकील की सहायक बेहोशी की हालत में काफी देर तक दरवाजे पर ही पड़ी रही, लेकिन किसी वकील, कर्मचारी या अधिकारी ने उस पर ध्यान नहीं दिया। इसी बीच उसकी मौत हो गई। जिससे वकीलों में न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भारी रोष है।
बार एसोसिएशन देहरादून के सचिव अनिल शर्मा चीनी के मुताबिक खुड़बुड़ा मोहल्ले निवासी रूपा (31) कचहरी परिसर में वकील जाहिद के पास काम करती थी। कानून की पढ़ाई के साथ बीते आठ सालों से रूपा उनकी सहायक के तौर पर काम कर रही थी। घटना मंगलवार की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि रूपा एसीजेएम तृतीय की कोर्ट में किसी काम से गई थी। इसी बीच वहां से निकलते समय अचानक वह दरवाजे पर ही गिर गईं और काफी देर तक वह वहां पड़ी रहीं, लेकिन किसी कर्मचारी या न्यायिक अधिकारी ने उस पर ध्यान नहीं दिया। कहा जा रहा है कि इसी बीच रूपा की मौत हो गई। कुछ देर बाद जब वहां और वकील आये तो उन्होंने एंबुलेंस बुलाकर उसे अस्पताल भिजवाया, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रूपा की मौत की वजह डॉक्टर हार्ट अटैक बता रहे हैं।
वहां मौजूद लोगों की माने तो रूपा करीब आधे घंटे तक कोर्ट के दरवाजे पर ही पड़ी रही, इस बीच कोर्ट में काम होता रहा और किसी ने भी उस पर ध्यान नहीं दिया। अनेदेखी के कारण रूपा की मौत हुई इससे नाराज बार एसोसिएशन ने एसीजेएम तृतीय की कोर्ट के बहिष्कार की घोषणा की। जिस पर बार एसोसिएशन का सभी वकीलों ने समर्थन दिया। बहिष्कार के चलते एसीजेएम तृतीय की कोर्ट में बुधवार को कोई कामकाज नहीं करने दिया गया। नाराज बार एसोसिएशन ने जिला जज को भी मजिस्ट्रेट को हटाने की मांग की है।