साइबर ठगी का शिकार हुए GIC बसुकेदार के प्रधानाचार्य, पुलिस ने ऐसे लौटाई 5 लाख की रकम

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रुद्रप्रयागःअगस्त्यमुनि क्षेत्र के राजकीय इंटर कॉलेज बसुकेदार के प्रधानाचार्य साइबर ठगी के शिकार हो गए. यहां साइबर ठगों ने योनो एप बंद होने की बात कर एक लिंक भेजी. लिंक पर क्लिक करते ही खाते से 5 लाख रुपए उड़ गए. जिसे देख प्रधानाचार्य के होश फाख्ता हो गए. आनन फानन में अगस्त्यमुनि थाने पहुंचकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद साइबर सेल की टीम ने पूरी रकम लौटाने में कामयाबी हासिल की. वहीं, पुलिस ने अन्य लोगों से भी साइबर अपराध से बचने की अपील की है.

दरअसल, रुद्रप्रयाग के कंडारा निवासी और जीआईसी बसुकेदार के प्रधानाचार्य लक्ष्मी दत्त भट्ट (GIC Basukedar Principal Laxmi Dutt Victim Of Fraud) के मुताबिक, बीती 18 अक्टूबर को उनके पास एक एसएमएस आया था. जिसमें उनके योनो एप (YONO SBI App) को 24 घंटे के अंदर केवाईसी अपडेट किए जाने के लिए लिंक दिया गया था. इस लिंक पर क्लिक कर योनो एप (YONO App KYC Update Fraud) के जैसे रजिस्ट्रेशन करने का पेज खुला. जिस पर उन्होंने अपने मोबाइल नंबर, खाते और कार्ड से संबंधित जानकारी डाली. कुछ ही देर में साइबर ठगों ने उन्हें फोन भी किया.

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वहीं, साइबर ठग ने खुद को एसबीआई का कार्मिक बताकर और झांसा देकर अलग-अलग बार ओटीपी मांगा. इस बीच इनके खाते से पांच लाख की धनराशि कट गई. जब तक वो कुछ समझ पाते साइबर ठग अपने काम को अंजाम दे चुके थे. उन्होंने आनन फानन में नजदीकी पुलिस थाना अगस्त्यमुनि पर शिकायत की. जिसके बाद पुलिस ने उनकी शिकायत को साइबर सेल को फॉरवर्ड किया. वहीं, साइबर सेल ने संबंधित वॉलेट एवं मर्जेंट से पत्राचार कर शिकायतकर्ता के पांच लाख रुपए रिफंड करा दिए. पीड़ित प्रधानाचार्य ने पुलिस विभाग का आभार जताया है.

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ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) से कैसे बचें?

फोन पर किसी को भी अपनी बैंक डिटेल न दें.
अपना ATM पिन, CVV नंबर, डेबिट पासवर्ड और अकाउंट नंबर किसी को भी शेयर न करें.
किसी और का बताया पासवर्ड न बनाएं.
ओटीपी (OTP) किसी को भी शेयर न करें.
इंटरनेट पर कभी भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर संपर्क न करें.
इंटरनेट पर आनी वाली साइटों पर अपनी निजी जानकारी न डालें.
किसी भी फ्री और डिस्काउंट के लालच में आकर लिंक पर क्लिक न करें.
कुछ महीनों के अंतराल पर अपना पासवर्ड बदलते रहें.
एटीएम वैलिडिटी एक्सपायर से संबंधित आने वाले कॉल और मैसेज का जवाब न दें.
बैंक के कर्मचारी फोन या ई-मेल पर आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते.
बैंक के कर्मचारी कभी भी एटीएम की वैलिडिटी खत्म होने पर कॉल नहीं करते हैं.
डेबिट कार्ड से शॉपिंग करते समय पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल न करें.
लेनदेन करने के बाद रसीद जरूर लें.
ऑनलाइन शॉपिंग के बाद अपना बैंक स्टेटमेंट जरूर चेक करें.
ऑनलाइन फ्रॉड होने पर क्या करें?

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फ्रॉड का शिकार होने के बाद आपको बैंक में तीन दिन के भीतर इसकी जानकारी देनी होगी.
बैंक जांच करेगा कि पैसे आपकी गलती के कारण किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर हुए हैं या आप धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं या फिर किसी ने निकाल लिए हैं.
साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर बैंक चोरी हुए पैसों की भरपाई करेगा, लेकिन ये भरपाई कुछ शर्तों पर ही होगी.
सबसे पहले अपने अकाउंट, कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग को बंद कराएं. इसके बाद पुलिस में फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराएं.
बैंक में एफआईआर की कॉपी लेकर जाएं. इसके आधार पर बैंक फ्रॉड की जांच करेगा.

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