जंगलों में आग लगने के बाद अब पानी के स्रोत बचाने के लिए जल संरक्षण और संवर्धन को लेकर जिलाधिकारी मयुर दीक्षित ने देवरी तत्ली के जाकर ग्रामीणों को किया प्रोत्साहित किया और चौपाल लगाकर उनकी समस्याएं सुनी। चौपाल के जरिए जिलधिकारी ने ग्रामीणों से जंगलों को आग बचाने की अपील की।
जल संवर्धन के लिए DM ने खुद चलाया गेंती व फावड़ा
टिहरी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने विकास खण्ड चम्बा के देवरी तल्ली पहुंचकर जल संरक्षण के तहत प्राकृतिक जल स्रोत से टैप किये गए पानी के टैंकों का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को जल संरक्षण और संवर्धन के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रामीणों के साथ मिलकर खंतियों और चैक डैम बनाने में सहयोग किया। इसके साथ ही उन्होंने चौपाल लगाकर ग्रामीणों की जन समस्याओं सुना। जिसके बाद उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
जल संरक्षण के लिए चला रहे मुहिम
जिला प्रशासन द्वारा जनपद में मानसून से पहले एक मुहिम चलाकर प्रत्येक गांव में जहां प्राकृतिक जल स्रोत हैं, वहां पर जल संरक्षण के कार्य करवाए जा रहे हैं। इसी के तहत देवरी तल्ली में जनसहभागिता के साथ खंतियां बनाई गई। ताकि मानसून आने पर जल स्रोत रिचार्ज हो सके। इसके साथ ही अन्य विकासखण्डों के ग्राम पंचायतों में भी वाटर कंजरवेंशन के स्ट्रक्चर बनाने हेतु निर्देश दिए गए। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि अपने प्राकतिक जल स्रोतों को संरक्षित करना तथा वनों को आग से बचाने के कार्य जनसहभागिता के साथ ही किए जा सकते हैं।
राशन कार्डों को लेकर पुनः सर्वे कराने के दिए निर्देश
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से बिजली, पानी, पॉलीहाउस, खाद्य राशन, स्वास्थ्य, बाल विकास, शिक्षा आदि को लेकर जानकारी ली गई। इस मौके पर ग्रामीणों ने राशन कार्डों को लेकर पुनः सर्वे कराने, गांव में सोलर लाइट लगाने की बात कही। जिस पर जिलाधिकारी डीएसओ को राशन कार्ड को लेकर गांव में पुनः सर्वे करने तथा पंचायत सेक्रेटरी को सोलर लाइट को लेकर सर्वे कर रिपोर्ट डीपीआरओ को उपलब्ध कराने को कहा गया।
इसके साथ ही ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को खेती-बाड़ी को जंगली जानवरों से हो रहे नुकसान से भी अवगत कराया गया। मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि गांव में कृषि भूमि को जंगली जानवरों से बचाये जाने हेतु फेंसिंग का कार्य किया गया है। जिस पर जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को मक्का, मटर की खेती करने को कहा।