खुद बीमार पड़ा हल्दूचौड़ का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, चिकित्सालय भवन के अलावा आवासीय भवनों की स्थिति भी दयनीय

खबर शेयर करें -


हल्दूचौड़ : एक और उत्तराखंड को आयुष प्रदेश बनाने की कवायद चल रही है, जगह-जगह हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर खोलकर अपनी प्राचीन व प्रभावी चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा दिए जाने की भी कोशिश हो रही है बाबजूद इसके विधानसभा क्षेत्र का सबसे पुराना आयुर्वेद चिकित्सालय जर्जर हो रहे भवन के चलते खुद ही बीमार है। जर्जर हो चुकी छत एवं दीवारों के चलते चिकित्सालय भवन के कक्ष स्वास्थ्य की दृष्टि से अनुकूल नहीं है वही चिकित्सालय भवन के अलावा परिसर में बने आवासीय भवनों की हालत भी बेहद दयनीय है। आवासीय भवनों में पानी की सप्लाई भी नहीं है, सीवर लाइन खराब हो चुकी है लिहाजा गंदगी का भी आलम रहता है इन आवासीय भवनों की बदहाली को देखकर चिकित्सक तथा फार्मासिस्ट ने हाउस रेंट कटने के बावजूद अलग से किराए पर आवास लिए हैं।

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड- चौथी मंजिल से गिरकर संदिग्ध परिस्थितियों में हुई आईटीबीपी जवान की मौत

कमरों की बदहाली के संदर्भ में उच्चाधिकारियों को अवगत भी कराया गया लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं होने से मजबूरवस इन्हें अन्यत्र कमरा लेना पड़ा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1991 में हल्दूचौड़ में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की स्थापना की गई तत्कालीन पर्वतीय विकास मंत्री पूरन शर्मा के कर कमलों द्वारा चिकित्सालय का उद्घाटन किया गया चिकित्सालय एवं आवासी भवन बनाए जाने के लिए पूर्व मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल आदि ने भूमि दान दी चिकित्सालय में चिकित्सा अधिकारी फार्मासिस्ट वार्ड ब्वॉय और सफाई कर्मी के 4 पदों का सृजन किया गया वर्तमान में सभी पदों पर तैनाती है अच्छे स्वास्थ्य सुविधा मिलने से यहां ओपीडी भी बड़ी है लेकिन इतना सब होने के बावजूद इसकी कामयाबी पर चिकित्सालय भवन एवं आवासीय भवनों की मेंटेनेंस के बेहतर प्रयास नहीं होने की वजह से ग्रहण लग गया है ऐसे में राज्य को आयुष प्रदेश बनाए जाने का सपना कैसे साकार होगा समझा जा सकता है।

Advertisement

लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -

👉 हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ेसबुक पेज लाइक/फॉलो करें

👉 विज्ञापन के लिए संपर्क करें -

👉 +91 94109 39999