केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने उत्तराखंड को अप्रैल, मई और जून में 325-325 मेगावाट बिजली देने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। उधर, यूपीसीएल ने काशीपुर गैस प्लांट दो महीने चलाने के लिए गैस खरीद ली है। साथ ही मई के लिए लघु अवधि के टेंडर से बिजली भी खरीदी है। इससे आने वाले दिनों में बिजली संकट से खासी राहत मिलेगी।
केंद्र सरकार ने राज्य को 31 मार्च तक के लिए 300 मेगावाट (72 लाख यूनिट) बिजली दी थी। चूंकि पिछले साल राज्य में पांच करोड़ यूनिट प्रति दिन की मांग आई थी, जो कि इस साल भी हो सकती है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से इस संबंध में वार्ता की थी।
राज्य ने प्रस्ताव भी भेज दिया था। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने अप्रैल, मई व जून के लिए 325 मेगावाट (78 लाख यूनिट) बिजली उपलब्ध कराने पर सहमति दे दी है। जबकि इसके बाद के महीनों के लिए जरूरत के हिसाब से अगले मार्च तक 200 से 250 मेगावाट (48 लाख से 60 लाख यूनिट) बिजली मिलती रहेगी। यह बिजली केंद्र के गैर आवंटित कोटे से मिलेगी, जिसके लिए यूपीसीएल को करीब पांच रुपये प्रति यूनिट का ही भुगतान करना होगा।
डेढ़ साल बाद प्लांट चलाने को खरीदी गैस
उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने काशीपुर के दो गैस प्लांट से पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) किया हुआ है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से यह प्लांट गैस महंगी होने के चलते बंद पड़े थे। 28 फरवरी को हुई बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने प्लांट चलाने की अनुमति दी थी। लिहाजा, यूपीसीएल ने आगामी संकट को देखते हुए दो महीने के लिए 14.2 मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) की दर से गैस खरीद ली है।
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि यह गैस अन्य राज्यों के मुकाबले काफी सस्ती है जो कि बिजली की मांग बढ़ने के दौरान तीन महीने में इस्तेमाल की जाएगी। उन्होंने बताया कि गैस प्लांट से करीब नौ रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से यूपीसीएल को बिजली मिलेगी। आपको बता दें कि काशीपुर में एक 214 और दूसरा 107 मेगावाट का गैस प्लांट है, जिससे कुल मिलाकर 321 मेगावाट (77 लाख यूनिट) बिजली मिलेगी।
बाजार में बिजली महंगी, मई के लिए खरीदी
यूपीसीएल लघु अवधि के टेंडर से भी बिजली की खरीद कर रहा है। 20 मई से 31 मई के लिए उन्होंने 8.10 रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली खरीदी है। जबकि मई के शुरुआती 20 दिनों में 12 रुपये प्रति यूनिट से कम दाम पर बिजली ही उपलब्ध नहीं है। तमिलनाडु ने बाजार से 20 मई तक के लिए 2000 मेगावाट बिजली खरीदी हुई है, जिसकी अवधि पूरी होने के बाद बाजार में बिजली उपलब्ध हो पाएगी।
बारिश से मिली राहत, फिलहाल घटी मांग
प्रदेश में दो दिन की बारिश से यूपीसीएल को राहत मिली है। फिलहाल बिजली की मांग 3.5 करोड़ यूनिट के आसपास है, जिसके सापेक्ष राज्य से करीब 80 लाख यूनिट, केंद्रीय पूल से करीब 1.80 करोड़ यूनिट मिल रही है। केंद्र सरकार के विशेष कोटे से 72 लाख यूनिट बिजली मिल रही है। यूपीसीएल के मुताबिक, फिलहाल न तो कई कटौती हो रही है और न ही बाजार से अतिरिक्त बिजली खरीद का दबाव है।