हल्द्वानी। कुमाऊं की प्रमुख नदियों गौला, कोसी और दाबका में खनन सत्र अंतिम चरण में है। गौला नदी में जहां खनन कार्य अगले दो-तीन दिन में बंद होने के आसार हैं वहीं कोसी और दाबका में खनन सत्र 31 मई तक चलेगा।
गौला नदी में खनन अंतिम चरण में
गौला नदी के निकासी गेटों में 36 लाख 60 हजार 429 घन मीटर नदी में खनन कार्य कर लिया गया है। जो लक्ष्य के बहुत निकट है। ऐसे में अब अगले कुछ दिनों में निकासी बंद होने की संभावना जताई जा रही है।
गौरतलब है कि गौला नदी में इस वर्ष केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 38 लाख 19 हजार घन मीटर लक्ष्य की स्वीकृति दी थी। जिसके सापेक्ष्य खनन लक्ष्य के करीब पहुंच चुका है। तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौला वन क्षेत्रधिकारी चंदन सिंह अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय ग्रामीण के हक हकूक को लेकर गौला नदी से परमिट जारी कर दिए गए हैं, जो क्रशर और हक- हकूक के लिए साथ-साथ चलेंगे।
अब करीब नदी में खनन सत्र के लिए 2 लाख घन मीटर से कम ही नदी में खनन लक्ष्य बचा है। प्रतिदिन करीब 44 हजार घन मीटर खनन निकासी हो रही है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि अब नदी में करीब 3 से 4 दिन के लिए गौला में खनन निकासी संभव हो पाएगी। वैसे भी क्रशर स्वामियों द्वारा 15 तारीख के बाद माल न लेने का नोटिस लगा दिया गया है। जिससे संभावना व्यक्त की जा रही है कि गौला नदी में खनन सत्र जल्द खत्म हो जाएगा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि खनन सत्र 31 मई तक सूचारू रखने के लिए घनमीटर बढ़ाया भी जा सकता है
कोसी और दाबका में 31 मई को बंद हो जाएगा खनन
रामनगर। खनन सत्र पूरा होने पर कोसी व दाबका नदी में 31 मई को खनन कार्य बंद हो जाएगा। नदी में अभी तक 70 फीसदी ही उपखनिज की निकासी हुई है। ऐसे में लक्ष्य पूरा होने की संभावना कम है।
इस साल वन निगम को कोसी नदी में 5 लाख घनमीटर और दाबका नदी में 1 लाख 22 हजार घनमीटर उपखनिज निकासी का लक्ष्य मिला था। वन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक हरीश पाल ने बताया कि कोसी नदी में खनन लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है। अभी दो लाख से अधिक उपखनिज निकासी होनी है। जबकि दाबका नदी में खनन लक्ष्य पूरा हो जाएगा। विभाग को अभी करीब साढ़े आठ करोड़ रुपये का राजस्व मिला है।