इस बार फिर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का बयान बना चर्चा का विषय,जानिए

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अपनी बयानबाजी को लेकर चर्चा में रहने वाले कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत का मानना है कि सिर्फ काम चुनाव में जीत की गारंटी नहीं है। उनका यह नया बयान सियासी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पिछले एक पखवाड़े में उनका यह लगातार दूसरा बयान है, जिसे सियासी जानकार पार्टी लाइन से हटकर मान रहे हैं। उत्तराखंड में भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए अबकी बार साठ पार का नारा दिया है। 2017 के विस चुनाव में भाजपा ने 57 सीटें जीती थी। 2022 के चुनाव में पार्टी ने 60 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य बनाया है।

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पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और उनकी पूरी टीम अबकी बार साठ पार का नारा दे रही है। इस लाइन से हटकर हरक सिंह रावत के बयान के सियासी मायने टटोले जाने स्वाभाविक हैं। वैसे साठ पार के नारे से जुदा राय व्यक्त करने वाले हरक सिंह अकेले नेता नहीं हैं।पिछले दिनों देहरादून में चुनाव प्रभारी के साथ कोर कमेटी की बैठक में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने भीे कुछ ऐसी ही राय साझा की थी। उन्होंने साठ पार के नारे को अति उत्साह बताया था।

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हालांकि डॉ. रावत एक और बेबाक बयान दे चुके हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को टारगेट करने की भाजपा की रणनीति पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने हाल ही में बयान दिया था कि हरीश रावत को टारगेट करके उन्हें मजबूत किया जा रहा है। उनके हिसाब से हरीश रावत को टारगेट नहीं किया जाना चाहिए। मजेदार बात यह है कि हरीश रावत को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद भाजपा का हर बड़ा-छोटा नेता किसी न किसी मुद्दे के बहाने निशाने पर ले रहा है।

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