राजधानी देहरादून से सीएम रावत को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली से बुलावा आया है। मामला केंद्रीय नेतृत्व का है तो सीएम बिना देरी किए अब से कुछ देर बाद प्रदेश की राजधानी से राष्ट्रीय राजधानी के लिए उड़ान भरने की तैयारी में जुट गए हैं। आज मुख्यमंत्री के जितने कार्यक्रम थे वे सभी यश तो टाल दिए गए हैं या फिर उन्हें रद्द कर दिया गया है। मिले कार्यक्रम के अनुसार सीएम आज सुबह दस बजे दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे।सीएम रावत को दिल्ली से न्योता क्यों आया यह तो बुलाने वाले ही अच्छी तरह से बता पाएंगे लेकिन माना जा रहा है कि रामनगर में हुए चिंतन शिविर के समाप्त होते ही रावत को दिल्ली से आए बुलावे का मतलब है कि विधानसभा चुनावों में संगठन की भूमिका पर सीएम से चर्चा की जा सकती है। दूसरे चिंतन शिविर में कोर कमेटी या फिर दूसरे स्थानीय नेताओं से मिले फीड बैक के आधार पर केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री से नई चुनावी रणनीति बनाने पर चर्चा कर सकता है।एक मसला मुख्यमंत्री के उपचुनाव लड़ने का भी है। दरअसल मुख्यमंत्री अभी तक उत्तराखंड की विधानसभा के सदस्य नहीं हैं।
उन्हें सीएम की शपथ लेने के छह महीने के अंदर प्रदेश के अंदर किसी भी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर उस पर विजय भी प्राप्त करनी चाहिए। प्रदेश में इस समय दो विधानसभा सीटें खाली हैं, पहली गंगोत्री और दूसरी हल्द्वानी। मुख्यमंत्री कुछ दिनों से बार बार उन्हें कहां से चुनाव लड़ना है यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व के हाथ में होने की बात कहते आ रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व उनसे इस उप चुनाव को लेकर भी सलाह मशविरा कर सकता है। शपथ के बाद छह महीेने की अवधी पूरी होते ही सीएम इस पद पर बैठने की योग्यता खो देंगे। इसलिए अब भाजपा इस मामले में गंभीर है।अब तक जो संकेत प्रदेश भाजपा की ओर से मिले हैं उसके मुताबिक रावत को गंगोत्री से चुनाव लड़ाया जा सकता है। हल्द्वानी सीट नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश के निधन से खाली हुई है। लेकिन यहां से सीएम को मैदान में उतारे जाने की संभावनाएं कम ही हैं।खैर जो भी हो सिर्फ यह बात पुख्ता है कि सीएम आज केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली जा रहे हैं। कुछ ही घंटों में साफ हो जाएगा कि उनकी दिल्ली दौड़ का मकसद क्या है।