उत्तराखंड : डीएम ने बाहर से आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा सुनिश्चित करने के लिए की बैठक

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जिलाधिकारी विनीत कुमार की अध्यक्षता में जनपद के कपकोट क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न ग्लेशियरों के ट्रैकिंग रूटों पर एक मजबूत व्यवस्था का निर्माण करने एवं बाहर से आने वाले पर्यटको को बेहतर सेवाओं को सुनिश्चित कराने के दृष्टिगत संबंधित विभागो के साथ बैठक संपन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने वन एवं पर्यटन विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि वे कपकोट क्षेत्रान्तर्गत स्थित ग्लेशियरो पर की जाने वाली ट्रैकिंग के संबंध में आने वाले पर्यटको का पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें, इसके लिए उन्होंने वन विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि वे सीजन में खाती गांव में अपनी वन चौकी का निर्माण करें, जहां आने वाले पर्यटको का मेडिकल, उनके टूर प्रोगाम आदि के संबंध में जांच की जा सकें। उन्होंने इन ग्लेशियर ट्रैक रूटो पर पिण्डारी जीरो प्वाइंट, खटिया तथा कठलिया जैसे स्थनों पर हैलीपैड विकसित करने हेतु वहां का सर्वे करने तथा धौलाबगड से कठलिया तथा द्वाली से खटिया तक के ट्रेकिंग रूट को ठीक करने हेतु लोनिवि, वन एवं पर्यटन विभाग की संयुक्त टीम का गठन कर उन्हें उक्त कार्यो का जल्द से जल्द करने के निर्देश दियें।
उक्त ट्रैकिंग रूटों पर संचार व्यवस्था का मजबूत करने के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने केएमवीएन के फुर्किया, द्वाली, कठलिया तथा जैतोली जैसे स्थानो पर सेटेलाईट फोन लागने के निर्देश दियें ताकि किसी भी तरह के मौसम संबंधी अलर्ट के संबंध में टे्रकिंग कर रहे पर्यटको को तत्काल सूचना दी जा सकें। उन्होने आपदा प्रबंधन अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि जनपद में टे्रकिंग सीजन के दौरान आने वाले मौसम संबंधी अलर्ट की सूचना को तत्काल रूप से इन ट्रैकिंग स्थानों पर भी पहुंचाया जाय। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वे यह भी सुनिश्चित करें कि जनपद में ट्रैकिंग के लिए आने वाले पर्यटको द्वारा पीजिशियन/सक्षम चिकित्साधिकारी द्वारा यह प्रमाण पत्र अवश्य दिखाया जाय कि वे ट्रेकिंग के लिए फिट है, जो एक माह से अधिक पुराना न हो। उन्होंने पर्यटन विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि वे यह सुनिश्चित कराये कि जनपद में गाइड एवं पोर्टर का कार्य करने वालो का पंजीकरण अनिवार्य हो, तथा गाइड के लिए एनएमआई संस्थान द्वारा बेसिक कोर्स किया जाना अनिवार्य हो। इसके अतिरिक्त उन्होने यह भी निर्देश दियें कि वे जनपद में ट्रैकिंग के लिए एप/वेबपेज को भी विकसित करे, जिसमें आने वाले पर्यटको का पूर्ण ब्योरा, उनके गाइड की सूचना एवं उनके द्वारा उपयोग किये जाने वाले ट्रैकिंग रूटों को तिथि वार विवरण हो। जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में काम करने वाली एसडीआरएफ की टीम द्वारा माउण्टे्रनिंग कोर्स अनिवार्य रूप से किया जाय, ताकि ट्रैकिंग ग्लेशियरो एवं उच्च हिमालयी स्थानों पर आपदा के समय बेहतर रूप से कार्यो का निष्पादन किया जा सकें। बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी डीडी पंत, अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 सुनीता टम्टा, जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्या, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, अधि0अभि0लोनिवि संजय पांडे, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल एवं केएमवीएन, राजस्व विभाग सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहें।

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