19 साल की शिवकुमारी बाथम के पिता का सपना था कि उनकी बेटी फोर्स का हिस्सा बने और देश की रक्षा करे। बेटी ने पिता के सपने को पूरा करने की ठानी और मेहनत की और आइटीबीपी को एक आरक्षक के रूप में ज्वाइन किया। इसी आइटीबीपी ट्रेनिंग कैंप के लिए वह उत्तराखंड आई हुई थी। इस कैंप को शुरू हुए अभी कुछ ही समय हुआ था कि शिवकुमारी की ट्रेनिंग के दौरान अचानक ही मौत हो गई। उसने पिता का सपना तो पूरा किया लेकिन उसे निभाने से पहले दुनिया को अलविदा कह गई। जानकारी मिली है कि वो बेहोश हुई थी औऱ उसके बाद उसने दम तोड़ दिया।
बेटी की मौत की खबर सुनकर परिजनों में कोहराम मच गया।जब परिजन ने ITBP के अफसरों से बात की तो वहां से जवाब मिला है बीमार थी। बीमारी के कारण उसकी मौत हुई है, लेकिन क्या बीमारी थी यह परिजन को अभी पता नहीं चला है।
जानकारी मिली है कि शिवकुमारी बाथम मूल रूप से ग्वालियर की रहने वाली हैं जो अपने छह बहनों व दो भाइयों में 5वें नंबर की थी। आईटीबीपी के अफसरों समेत परिवार वालों ने शिव कुमारी को श्रद्धांजलि अर्पित की और पूरे सम्मान के साथ उसका पार्थिव शरीर ग्वालियर( मध्य प्रदेश) लाया गया और वहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित करने के बाद शिव कुमारी का अंतिम संस्कार किया गया।