उत्तराखंड: पहाड़ में कौन बचाए, एक और ग्रामीण को गुलदार ने मार डाला

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पौड़ी जनपद मुख्यालय के आसापास के गांवों में गुलदार आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार शाम को गुलदार के हमले में एक बच्चा घायल हो गया था, अभी लोग इस सदमें से उबरे भी नहीं थे कि गुरुवार को सुबह गुलदार ने गजल्ट गांव में 42 साल के व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

जानकारी के अनुसार पौड़ी जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर सत्यखाल से सटे गजल्ट गांव के 42 वर्षीय राजेंद्र नौटियाल मंदिर में पूजा करके घर लौट रहे थे। सुबह करीब 7.30 बजे घात लगाकर छिपे गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। राजेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई। गुलदार शव को घसीटते हुए झाड़ियों में ले गया। घटना की सूचना मिलते ही पूरे इलाते में दहशत का माहौल है।

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जंगली जानवरों के लगातार बढ़ते आतंक से लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार हो रहे गुलदार के हमलों पर विभाग कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा, हर बार सिर्फ निचले स्तर के कर्मचारियों को भेजकर पल्ला झाड़ लिया जाता है, जबकि गांव में भय और दहशत का माहौल बना हुआ है। लोगों का कहना है कि जब तक प्रशासन के उच्च अधिकारी नहीं पहुंचते तब तक शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जाने देंगे। गुस्साए लोगों ने वन विभाग के कर्मचारियों को एक कमरे में बंद कर दिया और उच्च अधिकारियों को बुलाने को कहा। 42 साल के राजेंद्र दूध बेचकर अपने बच्चों का पालन पोषण करते हैं।

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पौड़ी में दिन ब दिन बढ़ा गुलदार का खौफ

बता दें कि बुधवार 3 दिसंबर को कोट ब्लॉक में आंगनवाड़ी से लौट रहे 4 साल के बच्चे पर गुलदार ने झपट्टा मार दिया था जिससे बच्चा घायल हो गया था। इससे पहले भी 20 नवंबर को पौड़ी के निकट कोटी गांव में गुलदार ने एक महिला को निवाला बनाया था। इसके एक दिन बाद ही ढांढरी गांव में भी बुजुर्ग महिला को गुलदार ने हमला करके बुरी तरह घायल कर दिया था।

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