युवा वैज्ञानिकों का कमाल: सात मिनट में चार्ज, 36 मिनट तक चलेगी ये बैटरी; इन उपकरणों में कर सकते हैं इस्‍तेमाल

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झूंसी: हरिश्चंद्र अनुसंधान संस्थान (एचआरआइ) के दो युवा विज्ञानियों ने लीथियम आयन बैटरी बनाई है, जो मात्र पांच से सात मिनट में चार्ज हो जाएगी और 36 घंटे तक का बैकअप देगी। विज्ञानियों का दावा है कि यह बैटरी मौजूदा उपलब्ध रिचार्जेबल बैटरी की तुलना में आधे से भी कम समय में चार्ज होकर लगभग दुगने समय तक निर्बाधिक ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करेगी। यह शोध विश्व के पांच सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में से एक नेचर मैटेरियल्स में प्रकाशित हुआ है।

एचआरआई के विज्ञानी प्रो. सुदीप चक्रवर्ती और डा. तिषिता दास ने अमेरिका में टेक्सास स्थित एंडएम विश्वविद्यालय में कार्यरत सह वैज्ञानिक प्रो. सरबजीत बनर्जी व उनके शोधार्थी समूह के सहयोग से तीन वर्ष में तकनीक विकसित की।
प्रो. सुदीप और डा. तिषिता के अनुसार कोबाल्ट केमिकल्स से तैयार की गई मोबाइल की बैटरी वर्तमान समय में छह से आठ घंटा बैकअप देती है। लीथियम बेस की बैटरी 16 घंटे तक और बेनाडियम पेंटा आक्साइड बेस से तैयार बैटरी 36 घंटे बैकअप देगी। यह बैटरी मौजूदा बैटरी की तुलना में आसानी से निस्तारित की जा सकेगी।
भविष्य में यदि भारत में इस प्रौद्योगिकी पर आधारित लिथियम आयन बैटरी का उत्पादन किया जा सकेगा तो स्वदेशी होने के कारण यह बैटरी काफी सस्ते में उपलब्ध हाेगी। इसका पेटेंट करा लिया गया है। इसका इलेक्ट्रिक बस, कार, स्कूटी, ई-रिक्शा, लैपटाप, मोबाइल व ड्रोन में प्रयोग हो सकेगा।

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राइजिंग स्टार्स से सम्मानित हैं प्रो. सुदीप
प्रो. सुदीप चक्रवर्ती और डा. तिषिता दास का शोध समूह रिचार्जेबल बैटरी, सोलर सेल और उत्प्रेरक जल विभाजन से कुशल हाइड्रोजन उत्पादन के क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा के लिए कंप्यूटेशनल पदार्थ विज्ञान के साथ साथ न्यूरोमार्फिक कंप्यूटिंग (ब्रेन मैपिंग) पर भी काम करता है। प्रो. सुदीप राइजिंग स्टार्स से सम्मानित हैं।

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