इस दौरान ऑल इंडिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियंस ( ऐक्टू) व जायड्स कांटेक्ट वर्कर यूनियन नेता अनीता अन्ना ने कहा कि प्रदेश में श्रमिकों का शोषण चरम पर है। उत्तराखंड की भाजपा सरकार पूरी तरह से कॉर्पोरेटपरस्त हो चुकी है। श्रमिकों का हक दिलाने के लिए बना श्रम विभाग भी मजदूरों को सरकार और पूंजीपतियों के गठजोड़ के दबाव में न्याय नहीं दिला पा रहा है। ज़ाइडस वैलनेस कंपनी का मालिक कंपनी को अवैध तरीके से बंद करके जा चुका है लेकिन सरकार व श्रम विभाग अभी भी उसके दवाब में काम कर रहे हैं।भाजपा सरकार अवैधानिक बंदी के कारण पीड़ित मजदूरों को न्याय नहीं दिला पा रही है।
इस दौरान यूनियन के संयोजक नरेंद्र सिंह ने कहा कि यूनियन ने जुलाई 2023 में श्रम विभाग में अपील करके औद्योगिक विवाद अधिनियम के लिए अपील की थी। जिस कारण श्रम विभाग की मध्यस्ता में कंपनी प्रबंधन और श्रमिकों के बीच वार्ताएं चली। माननीय हाइकोर्ट के निर्देश के दवाब में सिर्फ कुछ ही श्रमिकों को ग्रेच्युटी का लाभ श्रम विभाग दिला पाया। परन्तु श्रम विभाग सभी श्रमिकों को मिलने वाले अवैध बंदी के मुआवजे पर न्याय दिलाने में असफल रहा।
श्रमिकों ने एकजुट होकर हाइकोर्ट में जाने का निर्णय लिया।
इस दौरान अनीता अन्ना, ज्योति चंद, रेशमा अहमद, किरन ,आशिक अंसारी ,जफर ,सूरज भंडारी, नरेंद्र सिंह, संजीव कुमार, राज किशोर, मनजीत सिंह, रामपाल ,मोहम्मद साहिल ,छत्रपाल ,कृपाल सिंह, राजेंद्र सिंह बिष्ट, सिफतैन,लाल मनोहर, राम अवतार, नीलम, हरिओम भारती नंदकिशोर,श्याम सुंदर व अन्य श्रमिक साथी उपस्थिति थे।
अनीता अन्ना ।