चेक बाउंस के एक मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भवदीप राउते की अदालत ने अभियुक्त अनिल बिष्ट पुत्र भीमेंद्र सिंह बिष्ट, निवासी अल्मोड़ा को एक वर्ष का कठोर कारावास व 10 लाख 50 हजार की क्षतिपूर्ति अदा करने के आदेश दिए हैं।
अभियुक्त और परिवादी के बीच घनिष्ठ संबंध थे
अभियोगी के अधिवक्ता भगवती प्रसाद पंत ने बताया कि अभियुक्त और परिवादी के बीच घनिष्ठ संबंध थे। अभियुक्त अनिल बिष्ट परिवादी अमन खान से आर्थिक तंगी के चलते कुल दस लाख रुपये चेक के माध्यम से लिए। अमन ने अल्मोड़ा अर्बन को कोपरेटिव बैंक के माध्यम से 9 जनवरी 2018 को 10 लाख रुपये अभियुक्त के खाते में डाले। कुछ समय बाद अमन की ओर से धनराशि की मांग करने अभियुक्त ने उसे एसबीआई शाखा पांडेखोला अल्मोड़ा के नाम से चेक दिया। अमन ने चेक अपने बैंक खाते में लगाया, जो बाउंस हो गया। जिसके बाद अभियुक्त नोटिस भिजवाया गया।
नोटिस मिलने के बावजूद भी अभियुक्त की ओर से धनराशि का भुगतान नहीं किया गया
नोटिस मिलने के बावजूद भी अभियुक्त की ओर से न ही धनराशि का भुगतान किया गया। अमन ने न्यायालय में परिवाद दाखिल किया।
अभियुक्त को मिली ये सज़ा
मामले का विचारण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चला। पत्रावली में मौजूद साक्ष्य व गवाहों का परिसीलन कर न्यायालय के अभियुक्त को एक वर्ष का कठोर कारावास व 10 लाख 50 हजार की क्षतिपूर्ति अदा करने के आदेश दिये।