रुद्रपुर : शहर से भाजपा के विधायक शिव अरोरा, मेयर रामपाल सिंह, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री सुरेश परिहार समेत भाजपा के 10 बड़े नेता शुक्रवार को कोर्ट के कटघरे में थे। उनके चेहरे पर तनाव साफ झलक रहा था। चिंता थी कि कोर्ट का फैसला क्या होगा ! काफी देर तक यही खौफ उन्हें सालता रहा। बाद में फैसला आया तो सभी के चेहरे खिल उठे।
दरअसल, मामला गुजरे विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। कोर्ट में आत्मसमर्पण करने वाले नेताओं पर आरोप था कि उन्होंने कोविड प्रोटोकोल का उल्लंघन किया। इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता की भी धज्जियां उड़ाई। यह सब अब भाजपा विधायक और उस समय प्रत्याशी शिव अरोरा के 22 जनवरी 2022 को नामांकन के दौरान हुआ। कोविड प्रोटोकॉल को इन नेताओं ने तोड़ा और परिसर में 5 लोगों से ज्यादा नामांकन में दाखिल हुए। ऐसे में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन भी हुआ। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शिव अरोरा के अलावा मेयर रामपाल सिंह, पूर्व दर्जा राज मंत्री सुरेश परिहार, मंडी अध्यक्ष केके दास, वरिष्ठ भाजपा नेता भारत भूषण चुघ, विकास शर्मा, हरीश भट्ट, राजकुमार शाह और देवभूमि व्यापार मंडल के अध्यक्ष गुरमीत सिंह को नामजद किया गया।
आपदा प्रबंधन अधिनियम लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और आदर्श चुनाव आचार संहिता अधिनियम के तहत सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। आज सभी नेताओं ने वरिष्ठ अधिवक्ता और जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दिवाकर पांडे की मौजूदगी में कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। अधिवक्ता दिवाकर पांडे ने कोर्ट के सामने जमानत के लिए तमाम तर्क रखे, इसके बाद सीजेएम कोर्ट ने सभी नेताओं को 15-15 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी। फैसला आने के साथ ही नेताओं के चेहरे खिले। विधायक शिव अरोरा समेत तमाम नेता ऐसे थे, जो पहली बार कोर्ट में पेश हुए थे।