उत्तराखंड में 1144 हेक्टेयर वन क्षेत्र जला, जंगल की आग हुई बेकाबू; रिहायशी क्षेत्रों में जान पर संकट

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देहरादून: उत्तराखंड में जंगल की आग बेकाबू हो गई है। जगह-जगह सुलग रहे जंगल वन कर्मियों की परीक्षा ले रहे हैं। साथ ही अब रिहायशी क्षेत्रों में पहुंच रही जंगल की आग से संकट बढ़ गया है। पौड़ी में आग धधकने का सिलसिला तेज है। यहां गढ़वाल आयुक्त आवास और श्रीनगर में एचएनबी के कुलपति आवास तक आग पहुंच गई है।

सरकारी सिस्टम ने आग पर काबू पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। जंगलों के धधकने का सिलसिला नहीं थम रहा है। उत्तराखंड में इस फायर सीजन में अब तक 910 घटनाओं में 1144 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। रविवार को 24 घंटे के भीतर प्रदेश में आग की 24 नई घटनाएं हुईं, जिनमें कुल 36 हेक्टेयर वन क्षेत्र को क्षति पहुंची है।
वन विभाग की ओर से जंगल में आग लगाने वालों की गिरफ्तारी और मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई भी जारी है। अब तक जंगल में आग लगाने पर वन अपराध के तहत कुल 351 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं और 61 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, फायर सीजन में अब तक कुल 910 घटनाओं में 1144 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है।
पौड़ी से सटे जंगलों में रविवार को भी आग का तांडव मचा रहा। धू-धू कर जल रहे जंगलों के चलते धुंध ही धुंध छाई रही। टेका रोड के बाद आग का भयावह रूप नागदेव के जंगलों में भी देखने को मिला। देखते ही देखते विकराल रूप ले चुकी यह आग कमिश्नर आवास के समीप तक पहुंची। इसी से सटे क्षेत्र में कुछ दूरी पर एसएसबी के भवन भी हैं। इस दौरान दमकल, वन, राजस्व, पुलिस विभाग के कार्मिक आग बुझाने की कवायद में जुटे रहे।

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पौड़ी के कंडोलिया से सटे खेल विभाग के छात्रावास तक रविवार की सायं को जंगलों की आ धमकी। इससे आग हास्टल के एक कक्ष तक पहुंच गई। आग से हास्टल के एक कमरे में दो बेड जल गए। गनीमत रही की कोई बड़ी घटना नहीं हुई। प्रभारी क्रीड़ा अधिकारी संदीप डुकलान ने बताया कि हास्टल के समीप के जंगल में अचानक आग हास्टल तक पहुंच गई। यह नजारा देख यहां रहने वाले 11 बच्चे नीचे सुरक्षित स्थान पर आ गए थे। बताया कि आग कि घटना में छात्रावास के एक कमरे में दो बैड चल गए। फायर सर्विस द्वारा आग पर काबू पा लिया गया है।

हरे पेड़ जलकर राख, कार भी जली
पौड़ी जिले में पर्यटन स्थल कंडोलिया से सटे टेका मार्ग के जंगलों में लगी आग हरियाली को लील गई। शनिवार की सुबह से लगी आग को वन, पुलिस, दमकल विभाग सहित कई अन्य विभागों के कार्मिक बुझाते नजर आए। खुद रात्रि के समय जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान भी आग बुझाने की कवायद में जुटे दिखे।

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इस सब के बीच असामाजिक तत्वों की भेंट चढ़ी यहां की हरियाली स्याह हो गई। लैंसडौन में जंगल की आग की चपेट में आकर एक कार जलकर राख हो गई। वही आर्मी स्कूल के निकट एक बंगले का एक हिस्सा भी आग की जद में आ गया। गढ़वाल राइफल्स के दमकल विभाग की तीन गाड़ियां आग पर काबू पाने में जुटी हुई हैं। आग से पर्यटकों में भी दहशत बढ़ गई है। टिप-इन-टाप क्षेत्र में कई पर्यटक धुएं के गुबार से बचने के लिए दौड़ लगाते नजर आए।

चौरास परिसर के पास आवासीय कालोनी पहुंची आग
श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौरास परिसर के समीप ही स्थित कुलपति निवास और प्रोफेसर कालोनी बीते शनिवार रात्रि जंगल की आग की चपेट में आने से बाल-बाल बचे। रात्रि लगभग दस बजे लगी यह भीषण आग इस आवासीय क्षेत्र के समीप ही बिजली के बड़े ट्रांसफार्मर और हाईटेंशन विद्युत लाइन की ओर भी तेजी से बढ़ रही थी, जिसे देख कुलपति के साथ ही कालोनी में रह रहे सभी प्रोफेसर्स और उनके स्वजन भी तेजी से बढ़ रही आग पर काबू पाने को लेकर अपने-अपने स्तर से प्रयास करते रहे।

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विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों के साथ ही वन विभाग की टीम भी आग बुझाने में लगी थी, लेकिन आग काबू में नहीं आ रही थी। सूचना मिलते ही श्रीनगर लीडिंग फायरमैन संजय सिंह रावत, सोनू कुमार, राजकुमार की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर दमकल वाहन से पानी की तेज बौछार शुरू की।

उधर, देहरादून में विकासनगर के पास साहिया क्षेत्र के दातनू जंगल में पिछले दो दिनों से लगी आग पर वन विभाग व ग्रामीण काबू नहीं पा सके हैं। आज ककड़िता छानी में भीम सिंह दातनू एक दो मंजिली देवदार की लकड़ियों से बनी आवासीय छानी भी आग की चपेट में आने से पूरी तरह जल गई। गनीमत यह रही कि ग्रामीणों ने सूझबूझ से छानी में बंधे पशु किसी तरह बाहर निकाल लिए।

जंगल की आग की सूचना तत्काल दें
वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। साथ ही जंगल की आग की सूचना देने के लिए नंबर भी जारी किए गए हैं। 18001804141, 01352744558 पर काल कर सकते हैं। साथ ही 9389337488 व 7668304788 पर व्हाट्सएप के माध्यम से भी सूचित कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य आपदा कंट्रोल रूम देहरादून को भी 9557444486 और हेल्पलाइन 112 पर भी आग की घटना की सूचना दे सकते हैं।

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