उत्तराखंड के 75 पुल सुरक्षित नहीं, सेफ्टी ऑडिट में खुलासा, यातायात रोकने के निर्देश

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उत्तराखंड की सड़कों पर सफर जानलेवा साबित हो सकता है। जी हां, पुल सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट तो इस बात की ओर ही इशारा कर रही है। रिपोर्ट को आधार मानते हुए उत्तराखंड सरकार ने इन पुलों में से ज्यादा खतरनाक पुलों पर तत्काल ट्रैफिक रोकने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड में बने 75 पुल सेफ्टी ऑडिट में असुरक्षित पाए गए हैं।

खतरनाक पुलों पर तत्काल ट्रैफिक रोकने के निर्देश दिए हैं। जबकि अन्य पुलों को सुरक्षित बनाने के लिए विभाग से प्रस्ताव मांगे हैं। कोटद्वार की मालन नदी पर बना पुल टूटने के बाद सरकार ने राज्य में सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश दिए थे। इस पर लोनिवि की ओर से सभी पुलों की जांच की गई। जिसमें राज्य भर अगला 75 पुल यातायात की दृष्टि से असुरक्षित पाए गए हैं।

इनमें से कुछ पुल ज्यादा ही खराब स्थिति में हैं। ऐसे में लोक निर्माण विभाग के सभी डिविजनों को ज्यादा खराब स्थिति में पाए गए सभी पुलों को तत्काल बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। विदित है कि राज्य में पिछले एक महीने से लगातार बारिश हो रही है। इस वज ऐप पर पढ़ें पर हो रहे भूस्खलन और नदियों की बाढ़ का असर पुलों पर भी पड़ रहा है।

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सरकार ने असुरक्षित पुलों को चिह्नित कराया है। ताकि समय रहते पुलों को ठीक किया जा सके। विदित हो कि इससे पहले भी उत्तराखंड के कई जिलों में पुल टूटने की घटना हो चुकी है।

देहरादून जाखन में बारिश से पैदल पुल पर आई दरारें जाखन क्षेत्र के विवेक विहार में बने पैदल पुल पर दाररें आ गई, पुल का एक हिस्सा झुक गया है। तीन परिवारों को जोड़ने वाले पुल पर आवाजाही करना जोखिम भरा हो गया है। क्षेत्र के लोगों ने पुल के पुनर्निर्माण की मांग की है। विवेक विहार में दून विहार और अनारवाला को जोड़ने के लिए पैदल पुल बना हुआ है। छोटी बिंद नदी पर बने इस पुल पर भारी बारिश के कारण दरारें आ गई है। का एक हिस्सा झुक गया है। दून विहार के पार्षद संजय नौटियाल ने बताया कि पुल पर दरारें आने की सूचना पर बुधवार को तहसील प्रशासन और पीडब्ल्यूड़ी की टीम मौके पर पहुंची है। पीडब्ल्यूड़ी के अधिकारियों ने बताया कि यह पुल 1996 में बना था, जिसे ऐप पर पढ़ें विभाग ने बनाया है, इसलिए पुल का पुनर्निर्माण भी सिंचाई विभाग करेगा। पार्षद ने बताया कि दाररें आने के बाद पुल पर चलना जोखिम भरा बन गया है, ऐसे में कभी कोई हादसा हो सकता है। उन्होंने शीघ्र ही पुल के पुनर्निर्माण की मांग की है। बताया कि यदि पुल टूट जाता है, अनारवाला के लोगों को दून विहार आने के लिए चार किमी घूमकर जोहड़ी गांव से होकर आना पड़ेगा। जबकि इस पुल से मात्र 700 मीटर की दूरी है।

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पुल ठीक करने के मांगे प्रस्ताव

सेफ्टी ऑडिट में 75 पुल असुरक्षित पाए जाने के शासन ने लोनिवि के एचओडी को पुलों को ठीक करने के प्रस्ताव देने को कहा है। एक महीने के भीतर इस संदर्भ में सभी प्रस्ताव शासन भेजे जाएंगे और फिर सरकार पुलों को ठीक करने के लिए बजट जारी करेगी।

पौड़ी में सबसे ज्यादा असुरक्षित पुल

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लोनिवि के सेफ्टी ऑडिट में सबसे अधिक असुरक्षित 15 पुल पौ पाए गए है। इसके अलावा टिहरी – 7, चमोली – 9, रुद्रप्रयाग- 1, उत्तरकाशी – 6, देहरादून- 13, हरिद्वार- 6, पिथौरागढ़ – 3, बागेश्वर- 1, अल्मोड़ा में – 4, नैनीताल – 2, यूएस नगर- 5, राष्ट्रीय राजमार्ग – 3 पुल असुरक्षित पाए गए हैं।

राज्य में पुलों के सेफ्टी ऑडिट में 75 पुल असुरक्षित पाए लोनिवि के सभी डिवीजनों को निर्देश दिए गए हैं कि इनमें से ज्यादा असुरक्षित पुलों को तत्काल बंद कर दिया जाए। पुलों को ठीक करने के लिए प्रस्ताव भी मांगे गए हैं।

डॉ पंकज पांडेय, सचिव, लोनिवि

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